रसूखदारों के निर्माण टूटे तो फिर कोर्ट दौड़े, रात को निगम ने उठवाया मलबा, भूमिपूजन के साथ मनीषपुरी से रिंग रोड की सडक़ होगी निर्मित
इंदौर। कल निगर नगम (Municipal Corporation) ने रसूखदारों की दीवारों (Walls) और कुछ निर्माणों पर बुलडोजर (Bulldozer) चलवाए तो वे फिर कोर्ट (Court) की शरण में पहुंच गए। इस पर आज सुनवाई होना है। इधर निगम ने पहले से मंजूर टेंडर के आधार पर मनीषपुरी से रिंग रोड (Ring Road) तक बनने वाली पौने 2 करोड़ रुपए की 40 फीट चौड़ी सडक़ का निर्माण आज से शुरू कराया। सुबह क्षेत्रीय पार्षद ने भूमिपूजन भी किया।
20 सालों से कोर्ट-कचहरी के चलते मनीषपुरी (Manishpuri) से टेलीफोन नगर के बीच की सडक़ अत्यंत संकरी रही। पहले तो मास्टर प्लान में यह 80 फीट प्रस्तावित थी, जिसे बाद में घटाकर 40 फीट किया गया। कल निगम ने महिदपुरवाला, पाटीदार, डागा, विष्णु भैया, डॉ. शुक्ला सहित अन्य रसूखदारों की बाउंड्रीवॉल और कुछ बंगले के हिस्से हटाए। रात में ही निगम ने मलबा भी उठवाया, मगर जिनके निर्माण हटाए वे कल ही फिर हाईकोर्ट पहुंच गए और निगम पर रोड अलॉइनमेंट बदलने और कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए जाने लगे। हालांकि आज हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। उधर निगम का भी कहना है कि हाईकोर्ट आदेश के आधार पर ही सडक़ निर्माण किया जाएगा। आज क्षेत्रीय महिला पार्षद (Councilor) ने भूमिपूजन भी किया और निगम ने सडक़ का निर्माण शुरू कर दिया। अब देखना है कि हाईकोर्ट से इस मामले में क्या निर्देश मिलते हैं।
बिल्डिंग परमिशन के आधार पर सडक़ की मीडियन लाइन होती है तय
रसूखदारों का तर्क है कि निगम ने मनमर्जी से मीडियन लाइन तय कर दी, जबकि इस बारे में निगम के अपर आयुक्त और बिल्डिंग परमिशन प्रभारी संदीप सोनी का कहना है कि विगत वर्षों में जो बिल्डिंग परमिशन दी गई, उसी आधार पर मीडियन लाइन तय होती है। क्षेत्र की भवन अधिकारी गजल खन्ना का कहना है कि कुछ निर्माण 100 फीट तो बाद में 80 फीट और 40 फीट के आधार पर भी मंजूर हुए हैं।