महाराष्ट्र की सियासत गरमाई… विधायकों का अल्टीमेटम
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में होने वाले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार (cabinet expansion) में देरी के चलते शिंदे गुट में शामिल विधायकों के सब्र का बांध टूटने लगा है। विधायकों ने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र में 17 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून विधानसभा सत्र से पहले अगर मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया जाता है तो वे बागी रुख अख्तियार कर सकते हैं। शिंदे गुट में शामिल 3 विधायक ज्यादा नाराज हैं, जिनमें भरत गोगालकर, संजय सिरसाट और उद्धव सरकार में शामिल रहे पूर्व मंत्री प्रहार जनशक्ति के बच्चू गुड्डू हैं, जिनके बारे में बताया जा रहा है कि विस्तार में इन्हें मंत्री बनने का मौका मिल सकता है, लेकिन अजीत गुट के सरकार में शामिल होने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार विलंब हो रहा है।
विस्तार से पहले राकांपा के मंत्रियों को मंत्रालय न दें
महाराष्ट्र में राकांपा टूटने के बाद से ही यहां की सियासत में लगातार उथल-पुथल मची हुई है। अजीत गुट के सरकार में शामिल होने के बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने शर्त रखी है कि जब तक मंत्रिमंडल विस्तार न हो अजीत पवार गुट के वे विधायक, जो मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं, उन्हें मंत्रालय न सौंपा जाए। शिंदे गुट के विधायकों को डर है कि विस्तार से पहले अजीत गुट के विधायक महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर काबिज हो सकते हैं।
अब बैंगलुरु में विपक्षियों का जमघट… सोनिया भी होंगी शामिल
लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुट हो रहे विपक्षी दलों की बैठक अब 17-18 जुलाई को बैंगलुरू में होगी, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में आयोजित की गई थी। समान नागरिक संहिता को लेकर कुछ विपक्षी दलों द्वारा समर्थन किए जाने को लेकर बैंगलुरू में होने वाली बैठक से कुछ दल किनारा कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा विपक्षी दलों की एकता को करारा झटका लगेगा।
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