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Birthday Special : ये दो घटनाएं अगर ना होती तो अमिताभ बच्चन शायद नहीं बनते सुपरस्टार

मुंबई: बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अपनी शानदार एक्टिंग से सभी के दिलों में जगह बना चुके हैं. उन्हें किसी इंट्रोडक्शन की जरुरत नहीं है. वह आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं. हर साल की तरह इस साल भी उनका जन्मदिन मनाने के लिए उनके घर के बाहर इकट्ठा हुए हैं.

अमिताभ बच्चन ने सुपरस्टार बनने के लिए बहुत संघर्ष किया है. बिग बी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म सात हिंदुस्तानी से की थी. मगर उन्हें अपनी अलग पहचान बनाने के लिए सालों तक मेहनत करनी पड़ी थी. आपको आज बिग बी के बर्थडे के मौके पर उन दो घटनाओं के बारे में बताते हैं जिनकी वजह से बिग बी सुपरस्टार बने.

पहली हिट से पहले चुभ गया तंज
फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थीं, एक अदद हिट की तलाश जारी थी. साल 1973 इतिहास बनकर आया, दो तीन बड़े सुपरस्टार्स ने प्रकाश मेहरा को ना बोल दिया लेकिन फ़िल्म तो बननी थी इसलिए मेहरा साहब ने अमिताभ पर दांव खेला. शूटिंग पूरी हुई और फ़िल्म का प्रमोशन शुरू हुआ. कोलकाता में फिल्म के प्रमोशन में अभिनेता प्राण नहीं जा पाए. जिस होटल में प्रमोशन की पार्टी और प्रेस कांफ्रेंस थी वहां सभी की निगाह प्राण को खोज रही थी. पत्रकारों और कुछ लोगों ने अमिताभ के मुंह पर फिल्म के डायरेक्टर मेहरा साहब को बोल दिया -‘अरे डायरेक्टर साहब फ़िल्म का असली हीरो कहां हैं ?? प्राण साहब क्यों नहीं आए ?’


‘जंजीर’ में हीरो अमिताभ थे लेकिन कोई उन्हें हीरो मानने को तैयार ही नहीं था. ये तंज अमिताभ के दिल में शूल जैसा धंस गया. अमिताभ का दर्द प्रकाश मेहरा समझ गए उन्होंने अमिताभ से बोला – ‘एक बार फ़िल्म रिलीज होने दे, फिर देखना सबको पता चल जाएगा फिल्म का असली हीरो कौन है’ प्रकाश मेहरा की बात सच साबित हुई. जंजीर रिलीज़ होने के बाद उसी कोलकाता में जब अमिताभ पहुँचे तो होटल के सामने की रोड कई घंटों जाम रही, फिर जो हुआ वो इतिहास है.

जब माता-पिता के सामने अपमान हुआ
एक बार संघर्ष कर रहे अमिताभ से मिलने उनके पिता हरिवंश और मां तेजी मुंबई आए. बेटे ने उनको स्टूडियों में शूटिंग दिखाई, सह कलाकारों से मिलवाया और फिर वापसी के लिए एक टैक्सी पकड़ी. बेटे की मेहनत देखकर मां बाप बेहद खुश थे. अभी पूरा परिवार टैक्सी में बैठकर स्टूडियो से बाहर निकल ही रह था कि एक अनजान शख्स ने टैक्सी को खटखटाया.

पिता हरिवंश ने जैसे ही टैक्सी का शीशा नीचे किया अनजान शख्स ने बेहद गंदे तरीके से बोला – ‘अपने बेटे को वापस इलाहबाद ले जाओ, इसका यहां कुछ नहीं हो सकता, ये तो फ्लॉप है फ्लॉप’ तब तक जंजीर रिलीज नहीं हुई थी और युवा अमिताभ की करीब 12 फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं. इसलिए ऐसा कटु तंज सुनकर सबका मुंह लटक गया पर अमिताभ को ये अपना नहीं अपने माता पिता का अपमान लगा. उस रात अमिताभ सो नहीं पाए उन्होंने तय कर लिया अब जान जाए तो जाए लेकिन मुंबई में कुछ बनकर ही रहेंगे वापस नहीं लौटेंगे, फिर जो हुआ वो इतिहास है.

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