जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

यदि आपकी मनोकामनाएं नहीं हो रही पूरी तो अपनपाएं पूजा का ये तरीका, जानें सही विधि

नई दिल्‍ली। भगवान की पूजा (Worship of God) करना एक ऐसा काम है जो कई लोग रोजाना करते हैं. हालांकि पूजा का तरीका (Way of Worship) सबका अपना-अपना हो सकता है. कोई भगवान के आगे केवल माथा टेक देता है तो कोई केवल दीया-अगरबत्ती जलाकर ही अपनी पूजा पूरी करता है. लेकिन धर्म-शास्‍त्रों में पूजा करने का जो सही तरीका बताया गया है, यदि उसका पालन किया जाए तो पूजा का फल पूरा और जल्‍दी मिलता है. इसीलिए शुभ मौकों, व्रत-त्‍योहार आदि पर पूजा की सही विधि (Puja Ki Sahi Vidhi) बताई जाती है, ताकि भगवान जल्‍दी प्रसन्‍न होकर आपकी मनोकामनाएं पूरी करें.

पूजा के जरूरी नियम
पूजा के सही तरीके के साथ-साथ हिंदू धर्म में पूजा के कुछ जरूरी नियम (Puja Ke Niyam) बताए गए हैं. ये ऐसे नियम (Rules) हैं जिनका लगभग सभी देवी-देवताओं की पूजा करते समय पालन करना चाहिए.

  • पूजाघर को हमेशा साफ रखें क्‍योंकि वहां से हमें सकारात्‍मकता मिलती है. पूजाघर का गंदा रहना कई तरह के कष्‍टों का कारण बन सकता है.
  • हमेशा पूजा करते समय आसन पर बैठें. कोशिश करें कि यह आसन आपका हो. इसी तरह जाप करने की माला भी दूसरे की उपयोग न करें. अपने लिए एक अलग जापमाला रखें.
  • पूजा का समय निश्चित करें और कोशिश करें कि रोज उसी समय पर पूजा करें.
  • पूजा करते समय हमेशा अपना सिर ढंक कर रखें. ऐसा करने से व्‍यक्ति नकारात्‍मक ऊर्जा से बचा रहता है और उसकी पूजा बिना किसी बाधा के संपन्‍न होती है.
  • भगवान को हमेशा दोनों हाथों से छूकर प्रणाम करें. यानी कि आपका बायां हाथ उनके बाएं पैर को दायां हाथ दाएं पैर को स्‍पर्श करे. जहां तक बात साष्‍टांग प्रणाम करने की है तो केवल पुरुषों को ही ऐसा प्रणाम करना चाहिए.
  • कभी भी दीये से दीया न जलाएं. ऐसा करने की शास्‍त्रों में साफ तौर पर मनाही की गई है. हमेशा दीये जलाने के लिए माचिस की तीली या मोमबत्ती का उपयोग करें. हमेशा ध्‍यान रखें कि भगवान विष्णु की पूजा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं और शनिदेव की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. अग्‍निबाण इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

Share:

Next Post

स्वतंत्रता संग्राम अविस्मरणीय है

Sun Sep 26 , 2021
– गिरीश्वर मिश्र ‘अमृत’ अर्थात जो मरा नहीं है , जीवित और प्राणवान है। हम सभी भारतवासी देश की स्वतंत्रता की कामना करते हैं और उसकी अमरता का स्वप्न देखते हैं, पर हम अक्सर स्वतंत्रता को काल के आयाम में एक बिन्दु के रूप में देखते हैं और भूल जाते हैं कि वह असंख्य भारतीयों […]