
नई दिल्ली: अमेरिका (America) में पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों (Indian Students) के लिए यह साल निराशाजनक रहा है. अगस्त 2025 में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 44 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है. अमेरिकी इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (International Trade Commission) के नए आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में अमेरिका ने लगभग 3.13 लाख स्टूडेंट वीजा (Visa) जारी किए, जो पिछले साल की तुलना में करीब 19.1 फीसदी कम हैं. इनमें भारत से आने वाले छात्रों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. भारत से लगभग 41,540 कम छात्र इस साल अमेरिका पहुंचे. यह महीना आमतौर पर शरद सत्र (Fall Semester) से पहले छात्रों के जाने का पीक टाइम होता है.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका की नई नीतियाँ अब और भी चुनौतीपूर्ण हो गई हैं. प्रस्तावित बदलावों के तहत, Optional Practical Training प्रोग्राम के तहत काम करने वाले छात्रों की आय पर टैक्स लगाया जा सकता है. वहीं H-1B वीजा आवेदन के लिए अब 1 लाख डॉलर तक की नई फीस तय की गई है, जिससे अमेरिका में करियर बनाने की लागत और बढ़ जाएगी. हालांकि डेटा बताता है कि कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 0.8 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भारतीय छात्रों की तेज गिरावट चिंता का विषय है.
अमेरिका में शिक्षा हमेशा से भारतीय युवाओं का सपना रही है, लेकिन बदलती नीतियां और वीजा प्रतिबंध अब इस सपने को कठिन बना रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो भारतीय छात्र कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे देशों की ओर रुख कर सकते हैं. जहां फिलहाल पढ़ाई और वर्क वीजा दोनों ही आसान हैं. इस गिरावट ने साफ कर दिया है कि ग्लोबल एजुकेशन का समीकरण बदल रहा है, और भारत के छात्रों के लिए अब अमेरिका पहले जैसा आकर्षक गंतव्य नहीं रहा.
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