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सूर्य को बड़े टेलीस्कोप में बदलने की तैयारी में NASA, इसके जरिए एलियन प्लैनेट पर रखेगी नजर


वाशिंगटन। एलियन (Aliens) का पता लगाने के लिए सूर्य (Sun) को एक विशाल टेलीस्कोप (Giant Telescope) में बदला जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (US Space Agency NASA) अपने एक मिशन (Mission) के तहत इस पर काम करेगी। वह इसके जरिये ब्रह्मांड (Universe) या आकाशगंगा (Galaxies) और एलियन ग्रहों (Alien Planets) पर नजर रखेगी। नासा ने इस मिशन को ‘सोलर ग्रैविटेशन लेंस प्रोजेक्ट’ (Solar Gravitation Lens Project) का नाम दिया है।

वैज्ञानिकों (Scientists) का मानना है कि एलियन ग्रहों (Alien Planets) को सीधे देखना एक बेहद कठिन काम है। धरती (Earth) से 100 प्रकाश वर्ष दूर (100 Light Years Away) मौजूद किसी एलियन प्रजाति (Alien Species) को देखने के लिए 90 किलोमीटर व्यास (90 km Diameter) के प्राइमरी लेंस (Primary Lens) वाले टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी। लेकिन इतना बड़ा लेंस बनाना संभव नहीं है।

इसलिए हम ऐसा प्रोजेक्ट लाए हैं जिससे एलियन दुनिया की सतहों का नक्शा बना सकते हैं। दरअसल, अंतरिक्ष में मौजूद हर वस्तु अपने समयानुसार होती है। सूर्य की रोशनी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण मुड़ती भी है। इसके लिए हम सूर्य से निकलने वाली रोशनी को ही विशालकाय लेंस में बदल देंगे।



वह गुरुत्वाकर्षण की वजह से एक लेंस बनाती है। इस गुरुत्वाकर्षण वाले लेंस के जरिये हम उस ग्रह के पीछे सुदूर अंतरिक्ष तक झांक सकते हैं। हमारे सौरमंडल में सूर्य से बड़ी कोई वस्तु नहीं है। जिससे वहां के आसपास की वस्तु को देखा जा सके।

एलियन शहरों को भी देखना होगा आसान
इतना ही नहीं, अगर ग्रहों की सतह पर अगर कोई शहर मौजूद है, तो हमें नजर आएगा। नासा सूर्य और धरती के बीच मौजूद दूरी से करीब सैकड़ों गुना दूर है। सूर्य को टेलीस्कोप बनाने के लिए जिस तकनीक को अंतरिक्ष में सेट करने की बात हो रही है, उसे 650 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट पर रखना होगा।

सौर हवा की मदद से होगा संभव
एजेंसी का मानना है कि एक छोटा टेलीस्कोप बनाकर इस दूरी को तय करने के लिए भेजा जाए। तब भी इसे वहां तक पहुंचने में 25 साल लग जाएंगे। इस काम में मदद के लिए सौर हवा की मदद ली जाएगी। इससे यह यान सूर्य के बेहद नजदीक पहुंच जाएगा।

2034 तक पूरा करने का लक्ष्य
नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की साइंटिस्ट डॉ. स्लावा तुरिशेव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट बेहद महत्वाकांक्षी है। असंभव लगता है लेकिन है नहीं। इसे किया जा सकता है। हमारा उद्देश्य है कि हम इसे 2034 तक पूरा कर लेंगे। इसके बाद दूसरी दुनिया के ग्रहों, वहां रह रहे जीवों, प्रजातियों आदि के बारे में जानकारी जमा करेंगे।

धरती की सुरक्षा के लिहाज से अहम
यह जानना जरूरी है कि ब्रह्मांड में ऐसे और कौन से ग्रह हैं, जहां पर इंसानों जैसे या उससे बेहतर सभ्यता रह रही है। क्या वो भविष्य में हमारी मदद करेंगे। या हम पर हमला करेंगे। धरती को बचाने और संवारने के लिए उनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

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