- हर साल आता है गिरोह, कई वारदातें कर हो जाता है फरार
इंदौर। शहर (city) में कई सालों से सिग्नल (Signal) पर रेड लाइट (Red Light) के दौरान टक्कर (Collision) लगने के बहाने कार (Car) चालक को बातों में उलझाकर बैग और मोबाइल (Mobile ) उड़ाने की घटनाएं हो रही हैं। ज्यादातर घटनाएं शहर के प्रमुख छह चौराहों पर सामने आई हैं। यह गिरोह (Gang) हर साल सक्रिय होता है और आधा दर्जन से अधिक वारदातों को अंजाम देकर चंपत हो जाता है।
दो दिन पहले व्हाइट चर्च चौराहे से गुजर रहे कार चालक अनिल शर्मा निवासी सिल्वर स्प्रिंग को सिग्नल पर एक व्यक्ति ने पैर पर गाड़ी चढऩे का इशारा करते हुए कांच बजाया। वे एक तरफ का कांच खोलते इसके पहले दूसरी और से दूसरा व्यक्ति कांच बजाता है। वे कांच खोलते हैं तो वह व्यक्ति टक्कर लगने की बात कहता है। सिग्नल चालू होते ही वे आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि कार की सीट पर रखा उनका मोबाइल गायब हो गया है। वे लौटकर आते हैं, तब तक बदमाश चंपत हो जाते हैं। मामले की रिपोर्ट संयोगितागंज थाने में दर्ज करवाई गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ सालों में देखने में आया है कि इस तरह की वारदातें छह प्रमुख सिग्नल पर होती हैं। ये हैं व्हाइट चर्च, गीता भवन, विजयनगर, खजराना, फूटी कोठी और हुकमचंद घंटाघर। यहां हर साल ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिनमें लाखों के बैग, लैपटॉप और मोबाइल चोरी के मामले संबंधित थानों में दर्ज होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामले में पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाती है।
साउथ की गैंग होने के प्रमाण
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस तरह की गैंग साउथ की है। पहले भी एक दो बार ऐसी गैंग पकड़ी जा चुकी है। ये लोग शहर के बाहर डेरा बनाकर या फिर बस स्टैंड पर रहते हैं। कुछ दिनों में ही आधा दर्जन वारदातें कर चंपत हो जाते हैं। पुलिस सक्रिय होती है, इसके पहले ये शहर छोड़ देते हैं। इसके चलते पकड़ में नहीं आते हैं। कई मामलों में पुलिस को इनके फुटेज भी मिले हैं, लेकिन फिर भी पुलिस इस गैंग को पकड़ नहीं पाती है।