भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

वीआइपी नंबर खरीदने में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे नंबर पर

  • 9 महीने में प्रदेश में 3978 वीआइपी नंबर बिके, सात करोड़ से ज्यादा का मिला राजस्व

भोपाल प्रदेश में वाहनों के वीआइपीई नंबर खरीदने में इंदौर के लोग सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल, ग्वालियर तीसरे और जबलपुर चौथे स्थान पर है। मप्र परिवहन विभाग ने एक अगस्त-2022 से मप्र में वीआइपी नंबर की सीरीज की नीलाम शुरू की थी। करीब 9 माह में प्रदेश में 3978 वीआइपी नंबर नीलाम हुए और परिवहन विभाग को 7,44,2500 रुपए का राजस्व हासिल हुआ। इंदौर में सबसे ज्यादा 1699 वीआइपी नंबर नीलाम हुए, जबकि राजगढ़ में अब तक सिर्फ एक वीआइपी नंबर नीलाम हुआ। इन नंबरों को हासिल करने के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर लोगों ने नीलामी भी बोली लगाई। सबसे ज्यादा पंसदीदा नंबरों में 0007, 0001, 5555 आदि शामिल हैं।



ऐसे चुन सकेंगे वीआइपी नंबर
0007, 0001, 1111 जैसे नंबरों को फैंसी नंबर कहा जाता है। कार या बाइक के लिए मनचाहा नंबर पाने के लिए परिवहन विभाग की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद वीआइपी नंबर्स की बोली लगती है। अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नबंर्स के विकल्प दिए जाते हैं। नंबर के अनुसार परिवहन विभाग को पैसा चुकाना होता है। कार या बाइक का नंबर जितना फैंसी होता है, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होती है। यदि एक नंबर के लिए ज्यादा लोग आवेदन करते हैं तो फिर ऑनलाइन बोली लगती है।

इनका कहना है
वीआइपी नंबरों को लेने के लिए प्रदेश में वाहन मालिकों में रुचि बढ़ी है। कई नंबर ऐसे हैं जिनको नीलामी के लिए ऑन लाइन बोली भी लगाई गई है। नंबर के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। प्रदेश में करीब 9 महीने में सात करोड़ से अधिक का राजस्व इन वीआइपी नंबरों की नीलामी से हासिल हुआ है। आगे भी बेहतर राजस्व हासिल होने की संभावना है। पिछले वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा राजस्व हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया था।
अरविंद कुमार सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन, मप्र शासन

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