इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

INDORE : गिलहरी, चमगादड़ और सांप बने बिजली लाइनों के लिए मुसीबत

  • बारिश में फाल्ट से परेशान बिजली विभाग
  • बारिश में तेज हवा-आंधी बनती है बड़ी परेशान

इंदौर।बिजली चौबीसों घंटे वितरित होती है। मौसमी कारणों, प्राकृतिक कारणों एवं मनुष्य की लापरवाही से भी बिजली कई बार चली जाती है। टोल फ्री सौर ऊर्जा ऐप के माध्यम से शिकायतें हो रही हैं। बिजली कंपनी ने कहा कि उपभोक्ताओं को थोड़ा धैर्य रखने की भी जरूरत है। फिलहाल कई पक्षियों के कारण भी फाल्ट हो रहे हैं।
बिजली का वितरण सैकड़ों किमी के नेटवर्क से जुड़ा होता है। स्थानीय बिजली केंद्रों से आपके घर तक बिजली लगभग दो से चार किमी दूर से आती है। ऐसे में कहीं कोई पक्षी, सांप, गिलहरी, कबूतर, चमगादड़, तोते से भी कई बार फाल्ट हो जाते हैं। कई बार तो इन जीवों के मल-मूत्र के कारण दो तार आपस में संपर्क में आ जाते हैं, जिससे ट्रांजिट ट्रिपिंग हो जाती है। घर का पंखा पूरी तरह घूमना बंद नहीं होता है, उससे पहले वाट्सऐप, ट्विटर या अन्य माध्यमों से बिजली जाने की सूचना दे दी जाती है, जबकि ऐसे ट्रिपिंग में अधिकतम दो-तीन मिनट में बिजली प्रदाय सामान्य हो जाता है। पतंग की डोर, पेड़ों की टहनियां, होर्डिंग्स, तिरपाल, चद्दर इत्यादि बारिश के दिनों में तार के पास आने पर भी फाल्ट हो जाते हैं। इसके अलावा बहुत तेज हवा या बारिश में कुछ समय के लिए जान-माल की रक्षा के लिए भी बिजली केंद्र से प्रवाह बंद किया जाता है, ताकि लाइनों को नुकसान न पहुंचे। यदि कहीं कोई तार टकरा जाए या दुर्भाग्यवश टूट जाए तो किसी को जान पर खतरा न आए। मौसम में असामान्य बदलाव पर तीन सौ करोड़ का विमान भी तय कार्य नहीं कर पाता है। तय स्थान पर नहीं उतर पाता है, ऐसे में तेज हवा यानी आंधी-तूफान में कुछ मिनट के लिए बिजली जाने पर हंगामा कुछ समझ से परे जान पड़ता है।



सांप बने मुसीबत
मालवा और निमाड़ में वर्ष में लगभग 100 से ज्यादा बार मात्र सांप के कारण फाल्ट होते हैं। कई बार पांच से सात फीट के सांप ग्रिड, ट्रांसफार्मर पर चढ़ जाते हैं, जिनके दो सिरे अलग अलग जगह होने से फाल्ट हो जाते हैं। पिछले एक सप्ताह में ही सांप के कारण दो बड़े फाल्ट हुए हैं। इंदौर, धार, देवास, खरगोन, उज्जैन जिले में भी ऐसे फाल्ट सामने आते हैं। कई बार मोर भी तारों के संपर्क में आ जाता है।
कंपनी का उपभोक्ताओं से अनुरोध
बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि यदि नेटवर्क बंद है या फिर किसी मजबूरी, आपातकालीन इंतजाम के लिए बंद किया है तो कुछ समय इंतजार करें। कई बार पांच-सात किमी दूर मौसम बिगड़ जाता है, ऐसे में 33 केवी, 11 केवी के फीडर कुछ मिनट के लिए मजबूरीवश बंद करना होते हंै। लोग अतिक्रमण कर पानी का बहाव अवरुद्ध कर देते हैं। कई बार बारिश के दौरान ग्रिड के पास बहुत पानी भराने से भी सुरक्षा कारणों से बिजली बंद की जाती है। बिजली बंद करने में कंपनी का ही नुकसान है, लेकिन संसाधन एवं जान-माल की सुरक्षा के लिए मजबूरीवश बिजली बंद करना ही होती है। सिर्फ एक उपभोक्ता के घर की ही बिजली बंद होने पर कॉल सेंटर 1912, ऊर्जस ऐप के अलावा लोकल जोन, वितरण केंद्र के नंबर पर शिकायत दर्ज की जाए।
तेज बारिश, आंधी के कारण कई बार बिजली प्रदाय अवरुद्ध हो जाता है। कुछ मिनट बाद स्थिति सामान्य कर दी जाती है। जीव-जंतुओं के कारण भी कई बार फाल्ट देखे गए हैं। बिजली कंपनी के कर्मचारी-अधिकारी जहां भी आपूर्ति प्रभावित होती है, वहां कम समय में स्थिति सामान्य करने का प्रयास करते हंै।
अमित तोमर, एमडी, मप्रपक्षेविविकंं

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