इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर की वसूली पुलिस, जिसके कई थाने चलते हैं ठेके पर

यूं ही शिवराज को नहीं आया गुस्सा, भरोसा कर कमिश्नरी प्रणाली लागू की, जनता को राहत के बजाय हर क्षेत्र से उगाही की मिल रही शिकायतें
इंदौर।  पुलिस कमिश्नरी प्रणाली (Police Commissionerate System) को बड़े भरोसे के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर-भोपाल (Indore-Bhopal) में आईएएस लॉबी (IAS Lobby) के विरोध के बावजूद इसलिए लागू करवाया ताकि अपराधियों में खौफ कायम हो और आम जनता को राहत मिल सके। मगर जनता को राहत मिलना तो दूर, उलटे हर क्षेत्र के व्यापारियों के साथ वसूली शुरू हो गई। अभी सियागंज (Siyaganj) के व्यापारियों (Traders) की पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंची और उन्होंने अभी सांवेर (Sanwer) कार्यक्रम के दौरान इस पर जमकर नाराजगी जाहिर करते हुए संभागायुक्त-कलेक्टर (Divisional Commissioner-Collector) को व्यापारियों से चर्चा कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए और 48 घंटे में ही थाना प्रभारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी।


कल उज्जैन से जब रात 10 बजे के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इंदौर एयरपोर्ट (Airport) पहुंचे तो व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें धन्यवाद दिया कि इतनी जल्दी उनके निर्देश पर कार्रवाई भी हो गई। सियागंज व्यापारी एसोसिएशन (Siaganj Traders Association) के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल (Ramesh Khandelwal)  ने इस बात के लिए मुख्यमंत्री का आभार माना कि उनकी वाजिब शिकायत पर उन्होंने तुरंत ही संज्ञान लिया और दोषियों पर कार्रवाई भी करवा दी। इससे व्यापारियों का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने भरोसा भी दिलाया कि इंदौर को व्यापार-व्यवसाय के मामले में भी नम्बर वन बनाएंगे। जवाब में मुख्यमंत्री ने भी कहा कि यदि कोई अधिकारी परेशान करता है तो सीधे उन्हें बताया जाए। दरअसल, सियागंज के व्यापारियों ने अवैध जांच और वसूली की शिकायत की थी और समाचार-पत्रों में भी जब व्यापारियों की पीड़ा मुखरता से उजागर हुई तो मुख्यमंत्री को गुस्सा आया और उन्होंने तुरंत ही जांच के आदेश दे डाले। रेसीडेंसी कोठी (Residency Kothi) पर संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा (Divisional Commissioner Pawan Kumar Sharma), कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) और पुलिस उपायुक्त मनीष कपुरिया (Manish Kapuria, Deputy Commissioner of Police) की मौजूदगी में व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बताई और दो टूक यह भी कहा कि वे किसी का नाम नहीं लेंगे। पुलिस अधिकारी खुद अपने स्तर पर हकीकत पता करें। कलेक्टर मनीष सिंह ने भी सभी व्यापारियों को आश्वस्त किया था कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। दरअसल इंदौर पुलिस पर वसूली के आरोप लगते रहे हैं। बात सियागंज की नहीं, होटल, रेस्टोरेंट, बार, स्पा सेंटर से लेकर हर तरह के कारोबारियों की यही शिकायत है। दरअसल इंदौर के कई थाने ठेके पर चलते हैं, जहां करोड़ों रुपए की मासिक ऊगाई होती है।


भोपाल से होती है सीधे थानों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग
इंदौर जैसे व्यवसायिक क्षेत्र में थाना प्रभारी (Station House Officer) से लेकर अन्य ट्रांसफर-पोस्टिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरत से ज्यादा रहता है। कायदा तो यह है कि संबंधित आला अधिकारी ही तय करे कि कौन से थाने पर कौन टीआई पदस्थ होगा। मगर परेशानी यह है कि राजनीतिक आकाओं के बल पर सीधे भोपाल से ही संबंधित थाने में ट्रांसफर-पोस्टिंग का ऑर्ड करवाकर लाते हैं, जिसके चलते अपने वरिष्ठ अधिकारियों की भी परवाह नहीं करते, क्योंकि किसी मंत्री, सांसद या विधायक का वरदहस्र रहता है। यही कारण है कि कई बार जिले में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी भी अधिनस्थों पर चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें भी ऊपर से फोन आ जाता है कि अपना ही आदमी है, उसे परेशान ना किया जाए। इस मामले में विभागीय मंत्री पर भी सवालिया निशान उठते रहे हैं।


भूमाफिया के हर अभियान में भी उठती रही हैं पुलिस पर उंगलियां
सालों से भूमाफियाओं (land mafia) के खिलाफ शासन-प्रशासन अभियान चलाता रहा है। 2008-09 में भी जब पहला अभियान चला, उसके तुरंत बाद पुलिसिया वसूली की शिकायतें सामने आने लगी और जिन भूमाफियाओं (land mafia) पर कार्रवाई होना थी उन्होंने संबंधित थानों को ही खरीद लिया। रावजी बाजार, कनाडिय़ा, खजराना सहित जिन थानों पर अधिक शिकायतें रहीं वहां भूमाफिया लाखों रुपए बांटकर बचते रहे।


12 मार्च को फिर मुख्यमंत्री लेंगे कलेक्टर और कमिश्नर की क्लास
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Collector Manish Singh)  ने हर तरह के माफिया को सख्ती से कुचलने के निर्देश दे रखे हैं। इंदौर में हालांकि कलेक्टर मनीष सिंह ने मिलावट, राशन, खनन से लेकर भूमाफियाओं (land mafia) के खिलाफ जोरदार नकेल कसी और यही कारण है कि प्रशासन पर इतनी कार्रवाई के बाद भी कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगे। जबकि इन अभियानों के पीछे पुलिसिया वसूली की शिकायतें आने लगी। अभी 12 मार्च को मुख्यमंत्री फिर कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस लेंगे।

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