इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तालिबान के विभिन्न टूटने वाले गुटों के एकीकरण से पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से जुड़ी परियोजनाओं को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
इस्लामाबाद के एक सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हालिया घटनाक्रमों ने चीनी नागरिकों और परियोजनाओं की चिंताएं बढ़ाई हैं। इन चिंताओं का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का एकीकरण है।
इस बारे में स्वीडन के शोधकर्ता अब्दुल सईद ने कहा कि यह एकीकरण चीनी परियोजनाओं के लिए खतरा है। बता दें कि 2014 में नेतृत्व के मुद्दों पर अलग हुए टीटीपी के तीन गुट जमात-उद-अहरान, हिज्ब उल-अहरार और हकीमुल्लाह महसूद अब एकजुट हो गए हैं और बलूचिस्तान के एक प्रतिबंधित आतंकी गुट लश्कर-ए-झांगवी के एक समूह में शामिल हो गए हैं।
शुरुआत में टीटीपी खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में गतिविधियां चलाता रहा है लेकिन अब इसका दायरा बढ़ने से यह पाकिस्तान के कई हिस्सों में विस्तार कर रहा है।
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