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इटली सरकार ने बैन की चैटजीपीटी, कहा- लोगों की निजी जानकारी और प्राइवेसी के साथ कर रहा है खिलवाड़

नई दिल्ली(New Delhi)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) को इटली की सरकार ने बैन कर दिया है। यह पहली बार है जब ChatGPT को किसी देश में बैन किया गया हो। इससे पहले फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। इटली के डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि ये चैटबॉट लोगों की निजी जानकारी और प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?
इटली के डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि AI मॉडल से संबंधित गोपनीयता संबंधी चिंताएं थीं। नियामक ने कहा कि वह “तत्काल प्रभाव से” OpenAI पर प्रतिबंध लगाएगा और उसकी जांच करेगा। इटली की सरकार का कहना है कि ये चैटबॉट लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा कर रहा है जो कि सही नहीं है और नियमों का उलंघन है ।

साथ ही चैटजीपीटी में मिनिमम ऐज वेरिफिकेशन के लिए भी कोई ऑप्शन नहीं है, जो कि नाबालिग को भी सेंसिटिव जानकारी दे सकता है और उनके विकास और जागरुकता में गलत असर डाल सकता है। बता दें कि चैटजीपीटी, यूएस स्टार्ट-अप OpenAI द्वारा बनाया गया था और यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा समर्थित है।

डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों का कहना है कि चैटजीपीटी पहले लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा करता है फिर उसे अपने हिसाब से इस्तेमाल करता है। यह लोगों की प्राइवेसी के साथ खिलवाड है।


OpenAI ने दी सफाई
इटली के डाटा प्रोटेक्शन अधिकारियों के आरोपों पर चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी OpenAI ने भी बयान दिया है। OpenAI ने कहा कि वह निजता कानूनों का पालन करता है। कंपनी ने कहा कि AI टूल को ट्रेंड करने के लिए लोगों की निजी जानकारी का न के बराबर यूज किया गया है। ओपनएआई ने बताया कि उसने इटली के डाटा सुरक्षा नियामक के अनुरोध पर इटली में यूजर्स के लिए ChatGPT को बंद कर दिया है। लेकिन हम जल्दी हा वापसी करेंगे। कंपनी के सीईओ सैम अल्टमैन ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

अल्टमैन ने अपने ट्वीट में लिखा,”बेशक हम इटली की सरकार के आगे झुक गए हैं और हमने इटली में चैटजीपीटी को बंद कर दिया है। लेकिन हम सभी गोपनीयता कानूनों का पालन कर रहे हैं। इटली मेरे पसंदीदा देशों में से एक है और हम जल्दी वापसी करेंगे।”

इससे पहले फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने किया था ChatGPT को बैन
फ्रांस के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक Science Po ने इसी साल जनवरी में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। यूनिवर्सिटी ने इसके पीछे, ChatGPT की मदद से ऑनलाइन फ्रॉड में इजाफा हो सकता है और ओरिजिनल कॉन्टेंट की चोरी हो सकती है, को कारण बताया था। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया था कि चैटजीपीटी के इस्तेमाल करने वालों को यूनिवर्सिटी से निकाला भी जा सकता है और यहां तक कि उनकी उच्च शिक्षा पर भी प्रतिबंध लग सकता है।

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