भोपाल। सोशल मीडिया पर भोपाल (Bhopal) के जावेद खान(Javed Khan) की चर्चा खूब हो रही है। कोरोना काल(Corona Virus) में मरीजों की समस्या को देखकर जावेद खान(Javed Khan) ने अपने ऑटो को एंबुलेंस (Auto ambulance)बना दिया है। इसके उसने अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए (Sold even wife’s jewelry) हैं। जावेद खान(Javed Khan) के ऑटो में ऑक्सिजन सिलेंडर लगा हुआ है। वह फ्री में कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाता है। भोपाल पुलिस ने अब जावेद खान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें राहत मिल गई है।
बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह भोपाल पुलिस ने उसका चालान काट दिया है। भोपाल में कर्फ्यू के दौरान ऑक्सिजन सिलेंडर रखे ऑटो से जावेद मरीज को लाने अस्पताल जा रहे थे। इस दौरान भोपाल पुलिस ने चालान काट दिया। पुलिस का कहना था कि ऑटो में सिलेंडर रखने की अनुमति इनके पास नहीं है। सोशल मीडिया और मीडिया में खबरें आने के बाद पुलिस ने चालान का चार्ज नहीं लिया। साथ ही जावेद खान को सिलेंडर लेकर चलने के लिए स्पेशल पास मिल गया है।
जावेद ने कहा कि हमने पुलिस को समझाने के चक्कर में काफी महत्वपूर्ण समय गंवा दिया, जब मैं एक परिवार की मदद के लिए जा रहा था। मुझे सुबह में एक व्यक्ति का कॉल आया कि उन्हें ऑक्सिजन की जरूरत है। जब मैं भानपुर पहुंचा तो देखा कि बैरिकेड्स लगे हुए हैं। उसके बाद मैंने पुलिस के लोगों से आग्रह किया कि मुझे जाने दें, इमरजेंसी हैं, लेकिन उनलोगों ने नहीं सुनी।
उसके बाद वे लोग हमारे पास आएं और पूछा कि बिना परमिशन के ऑटो कैसे चला रहे हो। उसके बाद हमने उन्हें सारा पेपर और आदेश दिखाया, लेकिन पुलिस ने चालान काटना शुरू कर दिया। 34 वर्षीय ऑटो चालक जावेद खान ने उन्हें बताया कि मैं इस गाड़ी का इस्तेमाल फ्री एंबुलेंस के रूप में कर रहा हूं।
जावेद ने कहा कि मैं उनसे कहता रहा कि मुझे जानें दें, लेकिन धारा 188 के उल्लंघन का चार्ज मेरे ऊपर लगाकार चालान काट दिया। जावेद ने कहा कि क्या लोगों की मदद करना अपराध है, जब लोग ऑक्सिजन की कमी के कारण मर रहे हैं। पुलिस ने लोगों की मदद करने में जो विश्वास और उदेश्य था, उसे तोड़ दिया। जावेद ने कहा कि मैंने किसी के साथ कोई बदसलूकी नहीं की है। आप वीडियो में देख सकते हैं, जिसे मैंने बनाया है। पुलिस ने बिना किसी विवाद के मेरे ऊपर मामला दर्ज किया।
छोला पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनिल सिंह मौर्या ने कहा कि वह बैरिकेड्स हटाने की कोशिश कर रहा था। उसके पास कर्फ्यू में ऑटो चलाने के लिए कोई लिखित आदेश नहीं था। वहीं, जावेद ने पुलिस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उसने कहा है कि आप वीडियो देखिए, मैं सिर्फ पुलिस के लोगों से बैरिकेड्स हटाने के लिए आग्रह कर रहा हूं। एक परिवार इमरजेंसी में था। वहीं, शनिवार की रात पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि जावेद के ऊपर से सारे चार्ज वापस ले लिए गए हैं। साथ ही उसे स्पेशल पास जारी किया गया है।
जावेद ने फ्री ऑटो एंबुलेंस से अभी तक आठ से दस लोगों की जान बचाई है। जावेद ने कहा कि कोरोना काल में ऐसी संतप्त तस्वीरों को देखकर, मैं घर में नहीं बैठ सकता। इसे लेकर मैंने अपने परिवार के लोगों से बात की थी कि उनलोगों ने ही सलाह दी थी कि मरीजों को ऑटो से अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। उसके बाद जावेद ने ऑटो में ऑक्सिजन सिलेंडर लगाया और जरूरी दवाएं रखीं, उसके बाद मरीजों की सेवा शुरू कर दी। उसने पैंसेजर को पहुंचाना छोड़कर सिर्फ मरीजों की सेवा में लग गया है। वहीं, उससे पूछा गया कि सारा खर्च कैसे मैनेज करते हो तो उसने कहा कि पत्नी ने मुझे सोने का लॉकेट दे दिया है। Share: