नई दिल्ली: नई संसद को लेकर विपक्ष की ओर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जोर-शोर से लॉन्च की गई नई संसद असल में पीएम के उद्देश्यों पर खरी उतरती है, इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए. इस टिप्पणी पर बीजेपी की ओर से करारा हमला किया गया. बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यह दयनीय मानसिकता है. कांग्रेस पहले भी संसद विरोधी रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के X (पहले ट्विटर) पर किए कमेंट पर जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के निम्नतम मानकों (Lowest Standards) के हिसाब से यह एक दयनीय मानसिकता है. साथ ही यह करीब 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैसे भी यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस संसद विरोधी रुख अपना रही है. कांग्रेस पार्टी की ओर से 1975 में एक कोशिश की गई थी जिसमें वह बुरी तरह से नाकाम रही थी.
सिर्फ नड्डा ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी जयराम रमेश पर बड़ा हमला बोला. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, मैं मांग करता हूं कि पूरे देश में राजवंशीय अड्डों के मूल्यांकन और युक्तिसंगत बनाए जाने की जरुरत है. शुरुआत के लिए, 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए. सभी प्रधानमंत्रियों के लिए स्पेस अब पीएम संग्रहालय में कर दिया गया है. 1 सफदरजंग रोड इंदिरा गांधी का सरकारी आवास था जिसे उनकी हत्या के बाद इसे संग्रहालय में बदल दिया गया.
बीजेपी नेताओं की ओर से यह तीखा हमला तब किया गया जब कांग्रेस के जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “नए संसद भवन को भारी भरकम प्रचार के साथ लॉन्च किया गया जो प्रधानमंत्री के ओब्जेक्टिव्स को अच्छी तरह से साकार करता है. इस इमारत को मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “नई संसद में कार्यवाही के चार दिनों के बाद, मैंने पाया कि दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में बातचीत तथा चर्चा खत्म हो गई थी. यदि वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है, तो संविधान को फिर से लिखे बिना ही प्रधानमंत्री इस मकसद में पहले ही सफल हो चुके हैं.”
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