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दिल्‍ली, उत्‍तरप्रदेश और उत्‍तराखण्‍ड इन राज्‍यों में इस सेवा संगठन ने जीता करोना मरीजों का दिल

नई दिल्‍ली । कोरोना महामारी (Corona Epidemic) की दूसरी लहर (Second Wave) ने जैसे देश को तोड़कर रख दिया हो, इस साल का अप्रैल और मई का महिना इतना बुरा बीता है कि ज्‍यादातर राज्‍यों में कोई मौहल्‍ला देश का ऐसा नहीं बचा, जहां कोविड-19 वायरस (Covid-19 Virus) के संक्रमण के कारण से किसी ने अपनों को ना खोया हो। इस विकट संकट की घड़ी में जब सरकारों द्वारा की जा रही सभी स्‍वास्‍थ्‍य तैयारियां (Health Preparations) कम पड़ रही थीं, त‍ब समाज जीवन से जुड़े कई लोग एवं संगठन सेवा कार्य के लिए स्‍व प्रेरणा से आगे आए और उन्‍होंने इस गहराते संक्रमण के संकट के बीच कोरोना को हराने में अपनी अहम जिम्‍मेदारी निभाई है।

दरअसल, इन्‍हीं संगठनों एवं स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं में एक ” कर्मा फाण्‍डेशन” (Karma Foundation) है, जिसके सेवा कार्यों ने देश के तीन राज्‍यों में अनेकों के जीवन को बचाने में अपनी अहम भूमिका समय पर ऑक्‍सीजन की पूर्तिकर (Supplying Oxygen) निभाई है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की बेहद चुनौतीपूर्ण स्‍थ‍ितियों के बीच ऑक्सीजन जैसी बुनियादी चीज के लिए तड़प रहे लोगों को इस कठिन समय में ”कर्मा फाउंडेशन” की युवा सामाजिक कार्यकर्ता – ध्वनि जैन (Dhvani Jain) के नेतृत्व में राष्ट्र में ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए मिशन02 (Oxygen Mission 02) शुरू किया है।



देश के इन तीन राज्‍यों के दूर दराज के इलाके को मिल रही मदद
दुनिया भर के समर्थकों की मदद से, कर्मा फ़ाउंडेशन द्वारा यूरोप से मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन सिलेंडर
भारत मंगाये गए और यह प्रक्रिया पिछले कई दिनों से सतत जारी है ।  उक्त सिलेंडर उनकी पूरी टीम द्वारा दिल्ली की बस्तियों में और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दूरदराज के इलाकों में भेजे जा रहे हैं, जहां की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी।

बनाई गई इस तरह ऑक्‍सीजन सप्‍लाई की पूरी योजना
‘कर्मा फाउण्‍डेशन’ ने अपने बनाए प्‍लान के तहत उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी, जो शहरों से कुछ और अधि‍क अंदर स्‍थ‍ित हैं और वहां आसानी से स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं। संगठन की युवा टीम ने कई समूहों में बंटकर कार्य को अंजाम देना शुरू किया । इसके पहले इन तीन राज्‍यों में तीन नोडल समूह बनाए गए जो इस ऑक्‍सीजन की पूर्ति को देखते हैं और पूरे कम्प्यूटराइज सिस्‍टम से इसकी निगरानी करते हैं। फिर राज्‍यों में संभाग स्‍तर पर युवाओं को जोड़कर ”कर्मा फाउण्‍डेशन” ने अपनी लोकल बॉडी खड़ी की और उसके बाद उनके माध्‍यम से दूर दराज के क्षेत्रों व अन्‍य गांवों को चिन्‍हित किया गया, जहां सबसे ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की जरूरत है। उसके बाद कार्यकर्ता दिनरात मेहनत कर ऑक्‍सीजन की पूर्ति में लग गए, जो कार्य अभी भी सतत जारी है ।

ऐसे हुआ इस कार्य का विस्‍तार
कर्मा फाउंडेशन की युवा सामाजिक कार्यकर्ता – ध्वनि जैन कहती हैं  “कोरोना वायरस की दूसरी लहर की शुरुआत से ही हम में से प्रत्येक नागरिक एक दूसरे को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहा है।  उस समय हम मुख्य रूप से देश में उपलब्ध सीमित संसाधनों के पीछे भाग रहे थे । कई बार हम सहायता करने में सफल होते और कभी संसाधनो  की कमी के कारण अपने प्रयास में विफल होते और इसलिए ही मैंने अपने देश में संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में काम करने का
फैसला किया।”

हो रही ”वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना चरित्रार्थ
ध्वनि कहती हैं कि हम अपनी आखिरी सांस तक काम करना जारी रखेंगे और उन दानदाताओं के आभारी हैं जिन्होंने हम पर विश्‍वास जताया है ।  वास्तव में, महामारी के दौरान दुनिया भर से जो समर्थन मिल रहा है, वह मानवता में हमारे विश्‍वास को और अधिक पुष्‍ट एवं पुनर्स्थापित करता है ”वसुधैव कुटुम्बकम्” के भारतीय दर्शन को चरित्रार्थ करता हुआ वर्तमान में दिखाई देता है।

अमेरिका का मिल रहा सबसे अधिक सहयोग
ध्वनि अपनी बात में बताती हैं कि इस पुनीत कार्य में अमेरिका से हमें जबरदस्‍त सहयोग मिला है। वहीं, इस संगठन को लेकर तमाम अमेरिका में रह रहे इस संगठन से अब जुड़ चुके समर्थकों का कहना है कि हम पिछले साल कोविड की पहली लहर के दौरान ध्वनि एवं  कर्मा फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरित हुए और मानवता के लिए उनकी सेवा में हमको पूर्ण विश्‍वास पैदा हुआ ।  इसलिए, अपने भारतवासियों की मदद करने के लिए हम एक साथ आगे आए और यह कार्य आज हम सभी इस संगठन के माध्‍यम से सफलता पूर्वक कर रहे हैं, जिसकी जितनी मदद हो सकती है वह लेकर भारत पहुंचा रहे हैं, जिसके पीछे ध्वनि जैन की सकारात्‍मक सोच है ।

इस दौरान वे ये भी कहते हैं कि एक इंसान के रूप में हमारा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य एक दूसरे की मदद करना है।  इस महामारी के दौरान जब स्वयं भारत आके सेवा करना मुमकिन नहीं है हम कम से कम कर्मा जैसे संगठनों का समर्थन कर सकते हैं जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र और मानवता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।

सिंगापुर से भी भारतवासी आए सहयोग देने साथ
इसी तरह से सिंगापुर के समर्थकों का कहना है। ”कर्मा फाउंडेशन” ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में ऑक्सीजन कॉनसेनट्रेटर बैंक और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बनाई है। इसके लिए हम जितनी संभव होगी अपनी ओर से इस संगठन को मदद मुहैया कराएंगे। कोरोना आज वैश्विक संकट है, इसे हमने भी नजदीक से भोगा है, इसके कष्‍ट को हम महसूस करते हैं, इसलिए भारत के लोगों के लिए हमसे जो बन पड़ेगा वह हम कर्मा फाउण्‍डेशन के माध्‍यम से करते रहेंगे।

मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए – https://www.linkedin.com/company/karma-myimpact
 https://www.facebook.com/karma.myimpact या इस नंबर पर सम्पर्क किया जा सकता है- +91 9958467377

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