नई दिल्ली। देश में इस समय कोरोना वैक्सीन (Vaccine) को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता बनी हुई है। हर कोई चाहता हैं कि उसे यह वैक्सीन लग जाए, और देश से कोरोना का खात्मा हो। लेकिन किस राज्य को पहले और ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी, इसका भी फार्मूला तैयार किया जा रहा है। इसके तहत केरल जैसे छोटे राज्य को सबसे ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी। क्योंकि इस राज्य में सबसे ज्यादा उम्र के लोग है और जिन्हें डायबिटीज और हाइपरटेंशन की समस्या है।
कोरोना वैक्सीन आने के बाद जब देश में टीकाकरण शुरू होगा तो राज्यों के बीच उसका डिस्ट्रीब्यूशन रिस्क फैक्टर के आधार पर होगा। हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कवर करने के बाद, ऐसे राज्य जहां पर 50 साल से ज्यादा उम्र वाले और को-मार्बिडिटीज वाले लोग ज्यादा हैं, उन्हें ज्यादा डोज भेजी जाएंगी। इसका मतलब ये कि तमिलनाडु (Tamil Nadu) को मध्य प्रदेश, बिहार या राजस्थान के मुकाबले ज्यादा डोज मिलेंगी। बिहार की अनुमानित आबादी (12.3) करोड़, तमिलनाडु (7.6 करोड़) से करीब 60% ज्यादा है लेकिन वहां 50 से ज्यादा उम्र वाले 1.8 करोड़ लोग ही हैं जबकि तमिलनाडु में इस एजग्रुप के 2 करोड़ लोग हैं। आबादी तो युवा है ही, बिहार के लोगों में को-मॉर्बिडिटीज भी कम हैं। यानी वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के पहले चरण में उसके हिस्से कई छोटे राज्यों से भी कम डोज आएंगी।
पहले चरण में यूपी के लोग सबसे अधिक
यूपी में लगभग 3.6 करोड़ लोग ऐसे होंगे जो टीकाकरण अभियान के पहले चरण में वैक्सीन पाने के योग्य होंगे। महाराष्ट्र की करीब 22 प्रतिशत आबादी पहले चरण में शामिल हो सकती है। वहां की 2.7 करोड़ लोग 50 साल से ज्यादा उम्र वाले है। महाराष्ट्र में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों का अनुपात भी ज्यादा है जो टीकाकरण में शामिल होने वालों की संख्या को और बढ़ाएगा।
जहां ज्यादा बुजुर्ग लोग वहां पहले बटेंगी कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन उन राज्यों में ज्यादा होगा जहां बुजुर्ग आबादी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश जहां केवल 15 प्रतिशत लोग ही 50 साल से ज्यादा उम्र वाले हैं, इसके बावजूद सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज उसे मिलेंगी क्योंकि वहां की आबादी काफी ज्यादा है। 50 साल से ज्यादा उम्र वाली आबादी के लिहाज से यूपी के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है।
हाइपरटेंशन और डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज केरल (Kerala) में
अगर आबादी को वैक्सीन की जरूरत के लिहाज से देखें तो केरल का नंबर सबसे पहले आएगा। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-20 के अनुसार, देश के 17 राज्यों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में से आबादी के लिहाज से हाइपरटेंशन और डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज केरल में हैं। वहां की 25.3 प्रतिशत आबादी मधुमेह से ग्रस्त है जबकि 13.7 प्रतिशत जनसंख्या को हाइपरटेंशन है। नए सर्वे में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का डेटा नहीं है।
इसलिए इन मरीजों को पहले लगेंगे टीके
हाइपरटेंशन और मधुमेह जैसी को-मॉर्बिडिटीज वाले कोविड मरीजों की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है। इसी वजह से सरकार ने टीकाकरण में 50 साल से कम उम्र वाले इन मरीजों को भी शामिल किया है। 2015-16 के फैमिली सर्वे पर आधारित एक हालिया रिसर्च बताती है कि देश में 50 साल से कम उम्र वाली करीब 6.5% आबादी को डायबिटीज है।