इंदौर न्यूज़ (Indore News)

50 करोड़ की पट्टों पर दी जमीनों को फिर करेंगे सरकारी घोषित

सनावदिया में प्रशासन कर रहा है जांच… अवैध कालोनियों की कई शिकायतें… होगी कड़ी कार्रवाई
इन्दौर। मोरोद मांचला पट्टा घोटाला की जांच के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, वहीं दूसरी तरफ शहरी सीमा से लगे गांवों में भी लगातार अवैध कालोनियों का निर्माण हो रहा है, जिनमें पट्टे पर दी गई जमीनों की भी अफरा-तफरी विगत वर्षों में हो गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने सनावदिया में जहां अवैध कालोनियों की जांच शुरू करवाई, वहीं लगभग 20 एकड़ से ज्यादा पट्टे पर दी गई जमीन को फिर से सरकारी घोषित करने के निर्देश भी दिए हैं। 50 करोड़ रुपए मूल्य की इन जमीनों पर बिना डायवर्शन और अनुमति के अवैध कालोनी काट दी गई है और नोटरी के जरिए भूखंडों को बेच दिया गया।


पिछले दिनों अग्निबाण ने भी सनावदिया, तिल्लौरखुर्द से लेकर अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से कट रही अवैध कालोनियों का मामला उजागर किया था। नगर तथा ग्राम निवेश से लेकर बिना डायवर्शन और अनुमतियों के सीधे खेतों में ही ये अवैध कालोनियां काट दी गई हैं। कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देश पर राजस्व अमला इस जमीन घोटाले की जांच में जुटा है। अपर कलेक्टर पवन जैन के मुताबिक सनावदिया में लगभग 28 एकड़ पट्टे की जमीन है, जिन पर अवैध कॉलोनी काटी जाने की शिकायतें मिली है। इनमें से 20 एकड़ से अधिक की जमीन तो ऐसी है जिन्हें अभी जांच के बाद सरकारी घोषित कर दिया जाएगा। कुछ जमीनों पर कोर्ट-कचहरी और अन्य प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन के मुताबिक इन जमीनों का बाजार मूल्य 50 करोड़ रुपए से कम नहीं है और नोटरी पर बिके भूखंडों पर अवैध मकानों का निर्माण भी हो गया है। अभी जनसुनवाई में भी कई लोगों ने यहां पर अवैध कालोनी काटने की शिकायत की, जिस पर एसडीएम भिचौली हब्सी मुनीश सिकरवार ने जांच करवाई और पटवारी भिचौली हब्सी ने जांच रिपोर्ट तैयार कर सौंप भी दी है, जिसमें कुछ अवैध कालोनाइजरों के नामों का खुलासा भी हुआ है। अब प्रशासन इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। बिना किसी अनुमति के सीधे खेतों में ही भूखंडों को काटकर बेच दिया गया है। इनमें अधिकांश जमीनें पट्टे की है। सनावदिया के साथ-साथ देवगुराडिय़ा, रागघड़ा, रालामंडल, तिल्लौरखुर्द, जामनिया खुर्द और अन्य स्थानों पर भी इसी तरह सरकारी जमीनों की अफरा-तफरी के साथ अवैध कालोनियां काटी जा रही है। अभी कलेक्टर के निर्देश पर बकाया डायवर्शन टैक्स की वसूली भी सख्ती से की जा रही है, जिसमें सरकारी जमीनों का मौका-मुआयना करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सनावदिया में कुछ सरकारी जमीनें एक दर्जन से अधिक लोगों के नाम चढ़ गई, जिन पर बाद में भूखंडों को अवैध रूप से काटकर बेच दिया गया।

 

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