इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कर्नाटक में नेता पुत्रों को टिकट, इंदौर के भाजपाइयों को भी उम्मीद

  • कर्नाटक फार्मूला लागू हुआ तो कई नेताओं के रिश्तेदारों की खुल सकती है लॉटरी

इंदौर, संजीव मालवीय। गुजरात चुनाव (gujarat election) में टिकट वितरण के फार्मूले के बाद अब प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों (municipal elections) को लेकर कर्नाटक के उस फार्मूले को लागू करने की बात कही जा रही है, जो टिकट वितरण को लेकर किया गया है। इसमें नेता पुत्रों और रिश्तेदारों को भी टिकट दिए गए हैं। इसके बाद उन इंदौरी नेताओं की बांछें खिल गई हैं, जो इस विधानसभा चुनाव में अपने पुत्रों के लिए टिकट मांग रहे हैं।

गुजरात चुनाव में अधिकांश चेहरे बदलने और फिर उम्र को लेकर भी एक गाइड लाइन तय करने के बाद अब भाजपा ने कर्नाटक में एक नया प्रयोग किया है। 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन युवाओं को मौका दिया है, जो किसी न किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं या जिनके माता-पिता लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। ऐसे लोगों को टिकट देने के बाद इसे जीत का फार्मूला बताया जा रहा है। हालांकि ये तो 13 मई को तय होगा कि इस फार्मूले का परिणाम क्या हुआ, लेकिन पार्टी के इस फार्मूले को मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोडक़र भी देखा जा रहा है।

कर्नाटक में अगर भाजपा इन सीटों पर विजयश्री प्राप्त कर लेती है तो तय है कि प्रदेश में यह फार्मूला लागू हो ही जाएगा। वहीं गुजरात के संगठन फार्मूले पर पार्टी पहले से ही काम कर रही है। इसके बाद अधिकांश इंदौरी नेता अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने पुत्र या पुत्री को चुनाव मैदान में टिकट के लिए खड़ा कर सकते हैं। वैसे प्रदेश के बड़े नेताओं में नरेंद्रसिंह तोमर के पुत्र देवेंद्रसिंह तोमर, जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया, गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव, गौरीशंकर बिसेन की पुत्री मौसमी बिसेन भी विधानसभा के दावेदार बने हुए हैं।


सुमित्रा पुत्र मिलिंद महाजन
लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन अपने पुत्र मिलिंद महाजन को लेकर राऊ विधानसभा से दावेदारी कर रही हैं। इसके पहले वे पार्षद के चुनाव में मंदार महाजन के लिए टिकट मांग चुकी हैं और संगठन तक अपनी नाराजगी भी जता चुकी हैं। मिलिंद और मंदार को उन्होंने क्षेत्र में सक्रिय भी कर दिया है और राऊ विधानसभा मराठी बहुल होने का फायदा उन्हें मिलने की संभावना के बतौर वे टिकट के लिए दावा कर रहे हंै। वैसे वे भाजपा की सक्रिय राजनीति में कम ही नजर आते हैं और अभी तक किसी पद पर नहीं रहे हैं।

तुलसी पुत्र चिंटू सिलावट
मंत्री तुलसी सिलावट ने भले ही अपने पुत्र नीतेश उर्फ चिंटू सिलावट का नाम राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में घोषित नहीं किया है, लेकिन आज नहीं तो कल वे चिंटू को राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर देंगे। फिलहाल सिलावट की प्रदेश में व्यस्तता के चलते चिंटू ही उनकी विधानसभा का पूरा कामकाज संभाल रहे है और छोटे-मोटे आयोजनों में देखे जाते हैं। वैसे चिंटू की कोई राजनीतिक उपलब्धि नहीं है।

नई एंट्री से बदल सकते हैं समीकरण
इंदौर में जिस तरह से देवास निवासी जयपालसिंह चावड़ा को इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है और अब कहा जा रहा है कि वे भी किसी सुरक्षित विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, ऐसे में स्थानीय उम्मीदवारों के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। वहीं हाल ही में युवा आयोग के अध्यक्ष बनाए गए डॉ. निशांत खरे को भी कोई सुरक्षित सीट देने की अटकलों के बीच इंदौर में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।

मालिनी पुत्र एकलव्यसिंह गौड़
इंदौर में मालिनी गौड़ अपने पुत्र एकलव्यसिंह गौड़ के लिए दम लगाए हुए हैं। एकलव्य की छवि को एक प्रखर हिंदूवादी नेता के रूप में उभारा जा रहा है और एक तरह से एकलव्य को उन्होंने मैदान में उतार भी दिया है। हिंदरक्षक संगठन के अध्यक्ष बतौर एकलव्य की राह में भले ही अपने परिवार के लोग बाधा पैदा कर रहे हैं, लेकिन मालिनी अपने पुत्र के लिए डटी हुई हैं। एकलव्य भाजपा के नगर उपाध्यक्ष हैं, लेकिन 4 नंबर में ही सक्रिय हैं।

Share:

Next Post

MR-4 के लिए स्वदेशी मिल के समीप से क्लीयर हिस्सों में निगम ने शुरू किया सडक़ निर्माण

Tue May 2 , 2023
कई जगह बाधाओं को भी चिह्नित करने में जुटा है अफसरों का अमला इंदौर (Indore)। एमआर-4 (MR-4) के लिए नगर निगम ने क्लीयर साइटों (Municipal corporation cleared sites) पर काम शुरू करा दिया है, ताकि सडक़ निर्माण कार्य पूरा हो सके। इसी के चलते स्वदेशी मिल से लेकर पोलोग्राउंड की ओर जाने वाले मार्ग पर […]