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प्रकृति के बिना जीवन कुछ भी नहीं: भूस्खलन पीड़ित ने मौत से पहले किया था ट्वीट


शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) के पहाड़ी किन्नौर (Kinnor) जिले में एक प्राकृतिक आपदा में उनकी जान गंवाने के कुछ ही मिनटों बाद जयपुर के एक डॉक्टर का एक ट्वीट(Tweet), ‘ प्रकृति के बिना जीवन कुछ भी नहीं है'(Life is nothing without nature) , व्यापक रूप से लोकप्रिय (Popular) हो गया।


अपनी यात्रा के दौरान 34 साल की आयुर्वेद चिकित्सक दीपा शर्मा ने प्रकृति के बीच अपनी मस्ती भरी तस्वीरें पोस्ट कीं, उसके बाद बोल्डर से टकराने से रविवार को उनकी और 8 अन्य पर्यटकों की मौत हो गई।
छुट्टियां मनाने पहाड़ी राज्य की पर गई, दीपा ने ट्विटर पर अपनी तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि, “भारत के अंतिम बिंदु पर जहां नागरिकों की अनुमति है। इस बिंदु से लगभग 80 किलोमीटर आगे हमारी तिब्बत के साथ सीमा है, जिस पर चीन ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।”

उनके द्वारा ट्विटर पर दोपहर 12.59 बजे आखिरी पोस्ट की गई। इसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के नागास्ती चेकपोस्ट पर पोज देती हुई उनकी एक तस्वीर थी।
आखिरी ट्वीट के पच्चीस मिनट बाद खबर आई कि चितकुला से सांगला पर्यटकों को ले जा रहे टेंपो ट्रैवलर पर भारी पत्थर गिरे, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। इनमें से 8 की मौके पर ही मौत हो गई।
दीपा के ट्विटर अकाउंट में पहाड़ी राज्य की उनकी यात्रा के बारे में कई तस्वीरें हैं, जिसमें एक आश्चर्यजनक सुबह का खुला आसमान है।

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