जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (Jabalpur high Court) में एक जनहित याचिका पर मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना जवाब पेश करते हुए साफ किया कि फिलहाल राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव (local body elections) नहीं होंगे। अभी पूर्व तैयारियां मात्र चल रही हैं। मानव जीवन सर्वोपरि है, इसलिए चुनाव कराने का फैसला जनहित को ध्यान में रखकर सरकार की सहमति के बाद ही लिया जाएगा। जब भी चुनाव कराए जाएंगे, कोविड से सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
दरअसल, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के प्रांत अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और नयागांव जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय के माध्यम से उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि आईएमए और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है। प्रदेश के 27 जिलों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट फैल चुका है। ऐसे में यदि स्थानीय निकाय के चुनाव कराए गए तो तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा।
प्रशासनिक न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका पर पिछली सुनवाई में राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव को लेकर जवाब तलब किया था। मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने जवाब पेश किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर फिलहाल निकाय चुनाव कराने की कोई योजना नहीं है। जनहित को ध्यान में रख कर ही चुनाव कराने का फैसला सरकार की सहमति के बाद लिया जाएगा। इसके बाद अदालत ने उक्त जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर इस संबंध में दायर एक याचिका का पटाक्षेप कर दिया।
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