नई दिल्ली (New Delhi)। केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में एनसीपी नेता और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल (Mohammad Faizal) को बड़ा झटका लगा है। सांसद फैजल की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, लक्षद्वीप के सांसद फैजल को दूसरी बार देश की लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है।
बता दें कि केरल हाई कोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास के एक मामले में एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि को निलंबित करने से इंकार के बाद बुधवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन में मोहम्मद फैजल की सदस्यता रद्द की बात का जिक्र है।
यह दूसरी बार है जब फैजल को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया है। इससे पहले उन्हें 25 जनवरी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था। कावारत्ती के सत्र न्यायालय द्वारा फैजल और तीन अन्य को पी सालेह की हत्या के प्रयास के आरोप में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद उन्हें (फैजल को) अयोग्य घोषित किया गया।
केरल हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने के दो माह बाद 29 मार्च को फैजल की अयोग्यता रद्द कर दी गई थी। अगस्त 2023 में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप द्वारा दायर एक अपील पर हाई कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि केरल हाई कोर्ट के 03.10.2023 के आदेश के मद्देनजर, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य मोहम्मद फैजल को लोकसभा की सदस्यता से उनकी दोषसिद्धि की तिथि 11 जनवरी, 2023 से अयोग्य घोषित किया जाता है।
अगस्त 2023 में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप द्वारा दायर एक अपील पर हाई कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को उच्च न्यायालय के फैसले को गलत करार दिया था और राकांपा नेता की सजा को निलंबित करने वाले फैसले को रद्द कर दिया था।
हाई कोर्ट ने लोकसभा सदस्य के रूप में फैजल की स्थिति को तीन सप्ताह के लिए अस्थायी रूप से सुरक्षित रखा था। हाई कोर्ट ने मामले को वापस उच्च न्यायालय भेज दिया था और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करने वाले सांसद के आवेदन पर नए सिरे से निर्णय लेने को कहा था।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, लक्षद्वीप संसदीय सीट पर कोई उपचुनाव नहीं होगा क्योंकि वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में एक वर्ष से भी कम समय बचा है। लोकसभा में अब पांच सीट रिक्त हैं।
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