भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में शीर्ष स्थान पर है मप्र

  • मुकाबले अब तक नहीं आ पाये देश के दूसरे पड़ोसी राज्य
  • 24.61 लाख के बीच बांटी गई 1089.74 करोड़ की सहायता राशि

भोपाल। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में मप्र का मुकाबला दूसरे पड़ोसी राज्य नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते बीते तीन सालों में मप्र जहां इस योजना के क्रियांवयन में देश भर में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। करीब साढ़े सात करोड आबादी के अनुसार 24.61 लाख लाभार्थियों के बीच बांटी गई करीब 1100 करोड़ की राशि इसका ताजा उदाहरण है। यह इसलिये भी िक पंजीयन के मुकाबले यहां 95 प्रतिशत महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया है। जबकि देश के दूसरे राज्यों में इस अनुपात में बहुत अंतर है। बीते 22 अक्टूबर की स्थिति में पड़ोसी राज्यों की ही बात करें तो उत्तरप्रदेश इसमें सबसे फिसड्डी है। क्योंकि पंजीकृत महिलाओं के मुकाबले इसने सिर्फ 87.90 प्रतिशत महिलाओं को ही योजना का लाभ दे पाया है।


गुजरात व महाराष्ट्र जैसे संपन्न राज्य हालांकि बहुत बढिय़ा स्थिति में नहीं है। बावजूद इसके उत्तरप्रदेश की तुलना में यह भारी है। यहां लाभार्थियों का प्रतिशत क्रमश: 93.60 और 92.79 है। यदि इनसे इतर कांग्रेस शासित राज्यों में सुमार राजस्थान और छत्तीसगढ़ लभगभ बराबरी माने जा सकते हैं। पर ध्यान देने वाली बात यह है कि 0.58 अंक कम रह जाने के कारण राजस्थान 91.37 प्रतिशत पर रहने वाले छत्तीसगढ़ से पीछे रह गया है। बता दें कि देश भर में 2.17 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिला है। इनके बीच 9420.58 करोड़ की राशि वितरित की गई है।

पंजीयन के साथ ही मिलते हैं हजार रूपये
योजना में पहले बच्चे के जन्म पर सुरक्षित मातृत्व के लिए 5 हजार रूपये की सहायता राशि तीन किश्तों में दी जाती है। एक हजार रूपये की पहली किश्त आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का पंजीयन कराने पर, दो हजार रूपये की दूसरी किश्त कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने और गर्भावस्था के 6 माह पूर्ण होने पर तथा दो हजार रूपये की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म के पंजीकरण और बच्चे के प्रथम चक्र के टीकाकरण पूर्ण होने पर दी जाती है।

पंजीकृत व लाभार्थी के बीच इसलिये अंतर
पंजीकृत महिलाओं के मुकाबले करीब 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं को मौजूदा समय में लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। जिसमें स्वयं हितग्राही द्वारा लाभ के लिये निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं करना शामिल है। चूंकि योजना का लाभ सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है। इसलिये बैंक खाते का निष्कृय रहना व इसका बंद रहना भी इस अंतर को बढ़ाता है।

योजना का मुख्य उद्देश्य
मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य कार्य करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिये आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि देना और उनके उचित आराम और पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना योजना के उद्देश्य में शामिल है।

Share:

Next Post

स्कूलों में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए

Fri Dec 10 , 2021
मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखा पत्र भोपाल। मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों में सुझाव-शिकायत पेटी की व्यवस्था दुरुस्त करने संबंधी सुझाव दिए हैं। इस संबंध में बाल आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। बाल आयोग […]