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उज्जैन में निकली महाकाल की बारात, विवाह समारोह के बाद हुआ रिसेप्शन

– बारात में जमकर नाचे भूत-पिशाच, आतिशबाजी के साथ उड़ा रंग-गुलाल

भोपाल (Bhopal)। धर्मधानी उज्जैन (Dharamdhani Ujjain) में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के बाद मंगलवार को महाकाल मंडपम (Mahakal Mandapam) में शिव-पार्वती के विवाह समारोह का रिसेप्शन (Shiva-Parvati wedding ceremony reception) हुआ। इस दौरान नगर में भगवान महाकाल की बारात (Procession of Lord Mahakal) निकाली गई। इसमें भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी और शाकिनी नाचते-गाते शामिल हुए। आतिशबाजी के बीच खूब रंग-गुलाल उड़ा। इसके बाद नगर भोज का आयोजन हुआ।


महाशिवरात्रि के बाद महाकाल की नगरी उज्जैन में दो दिन तक शिव-पार्वती विवाह की विभिन्न रस्म संपन्न कराई गई। इसके बाद वर्षों से चली आ रही परम्परा के मुताबिक, मंगलवार को दोपहर में फाजलपुरा से शिव बारात निकली, जिसमें बाराती बने भूत, प्रेत, डाकिनी नृत्य करते हुए चल रहे थे। महादेव संग महागौरी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन कर भक्त धन्य हो गए। शाम को नगर भोज में करीब पचास हजार से अधिक भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की।

महाकाल की नगरी में शिव पार्वती विवाह के रिसेप्शन की परंपरा करीब ढाई दशक से चली आ रही है। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के बाद यह अनूठा आयोजन होता है। इसमें हजारों की संख्या में शहरवासी शामिल होते हैं। इस बार भी सोमवार से विवाह समारोह की शुरुआत हो गई थी। सोमवार शाम आयोजन स्थल पर शिव पार्वती को हल्दी, मेहंदी लगाई गई। विभिन्न महिला मंडलों ने मंगलगीतों पर नृत्य किया। विद्युत रोशनी व फूलों से सजे विवाह मंडप की स्वर्णिम आभा देखते ही बन रही थी।

मंगलवार को दिन में फाजलपुरा से शिव बारात निकाली गई। सैकड़ों भक्त शामिल बैंड, बाजे, झांझ, डमरू व शहनाई की मंगल ध्वनि के साथ निकली बारात में सैकड़ों भक्त शामिल हुए। करीब डेढ़ किलो मीटर लंबे कारवां में शिव पार्वती के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन हुए, महिलाओं में इनके साथ सेल्फी खिंचवाने की होड़ सी लगी रही। भूत, प्रेत, शाकिनी डाकिनी का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। बारात में रंगोत्सव का नजारा भी दिखाई दिया। रंगों के गुबार व फूलों की वर्षा से बारातियों का मन प्रसन्न हो गया। शहर के प्रमुख मार्गों से होकर बारात महाकाल मंडपम पहुंची। यहां लस्सी, शिकंजी, शर्बत से बारातियों का स्वागत किया गया।

द्वारचार की रस्म के बाद महाभोज की शुरुआत हुई। भक्तों को लड्डू, जलेबी, खोपरापाक, नुक्ती आदि पारंपरिक मिष्ठानों के साथ छप्पन प्रकार के व्यंजन परोसे गए। भोजन के बाद मुखवास के रूप में रसीले पान का भी इंतजाम किया गया था।

भगवान महाकाल को चांदी का मुकुट भेंट

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मंगलवार को राजस्थान के भक्त ने भगवान महाकाल को चांदी का मुकुट तथा नाग कुंडल भेंट किए। मंदिर समिति द्वारा दानदाता का सम्मान किया गया। कोठार शाखा प्रभारी मनीष पांचाल ने बताया राजस्थान के जयपुर से आए भक्त भावेश ने भगवान महाकाल को 2817.400 ग्राम चांदी से निर्मित मुकुट तथा नाग कुंडल भेंट किए। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने दानदाता से रजत आभूषण प्राप्त कर विधिवत रसीद प्रदान की। पश्चात भगवान महाकाल का चित्र व लड्डू प्रसादी भेंट कर उनका सम्मान किया।

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