उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

Dengu के मरीजों में फेफड़े सूजन की कई शिकायतें

  • दिखे नए लक्षण, लोगों को सांस लेने में परेशानी

उज्जैन। इस बार डेंगू मरीजों में नई-नई परेशानी देखने को मिल रही हैं। मरीज के शरीर में खून गाढ़ा हो रहा और फेफड़ों में सूजन आ रही है। चिकित्सकों का कहना है डेंगू वायरस से खून गाढ़ा हो रहा है। करीब 20 फीसदी मरीजों का डी-डायमर बढ़ा आ रहा है। वहीं 20 फीसदी डेंगू मरीजों में निमोनिया भी देखा जा रहा है। उनके फेफड़े में सूजन आ रही है। इससे पहले मरीजों में प्लेटलेट्स घटने, उल्टी-दस्त, शरीर पर लाल दाने, सिर दर्द व बुखार की शिकायत देखने को मिल रही थी।


900 पर पहुँची मरीजों की संख्या
जिले में नवंबर महीने में भी डेंगू के नये केस आ रहे हैं। पिछले 9 दिनों में जिले में इस बीमारी के 26 नये केस सामने आए है। कल शाम को भी 8 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। इसे मिलाकर जिले में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 900 पर पहँुच गई है।

5 दिन बाद आ रही है इस तरह की शिकायतें
चेस्ट रोग विशेषज्ञों का कहना है डेंगू का समय पांच से 10 दिन का होता है। पहले पांच दिन बुखार आता और प्लेटलेट्स घटती हैं। पांच दिन बाद प्लेटलेट्स बढऩे लगती हैं, लेकिन कई मरीज ऐसे आ रहे हैं जिन्हें बुखार के बाद निमोनिया हो रहा है। उनकी किडनी व फेफड़े में सूजन पाई जा रही है। वहीं ह्दय रोग विशेषज्ञ का कहना है डेंगू वायरस से मरीज के बोन मैरो पर दुष्प्रभाव और प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इससे एक लाभ तो यह होता है कि ह्दयघात की समस्या नहीं देखने को मिलती, लेकिन ह्दय की गति धीमी पड़ जाती है, जो चिंता का विषय है। वहीं प्लेटलेट्स यदि दस हजार से नीचे आती है तो यह जानलेवा हो सकती है।

डेंगू से बचें, सावधानी रखें
डेंगू से बचने का उपाय तो यही है कि घर या बाहर साफ पानी में लार्वा न पनपने दें। यदि डेंगू की चपेट में आते हैं तो बच्चे-बड़े सभी तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें। डाक्टर से परामर्श लें और प्रतिदिन जांच कराएं। ठंड का मौसम आ चुका है, इसलिए निमोनिया से बचने खुले में न घूमें। शरीर में पानी का पर्याप्त आपूर्ति रखें, इससे फेफड़े में सूजन नहीं आएगी और ब्लड भी गाढ़ा नहीं होगा।

विशेषज्ञ की सलाह, सावधानी रखे
चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू मरीज को पपीते के पत्तों का रस व बकरी का कच्चा दूध पीने को दिया जाता है, यह न दें। इससे पेट संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं। पपीते के पत्ते का रस व कच्चा दूध मानव के लिए पाचक नहीं होता, इसलिए दूध उबालकर ही दें। पार्क में जाने से पहले फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, घर में मच्छर से बचने मच्छरदानी या मच्छर मारने की अगरबत्ती का उपयोग करें।

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