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पर्सीवेरेंस पहुंचा मंगल ग्रह, NASA जानेगा इससे कितनी है वहां जीवन की संभावना


लॉस एंजिलिस । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी National Aeronautics and Space Administration (NASA ) का भेजा रोवर पर्सीवेरेंस (Rover perseverance) की लाल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई है। पर्सीवेरेंस (perseverance) नाम का छह पहियों वाला रोबोट (Six wheeled robot) मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को परखने के लिए भेजा गया है। लौटते समय उसे वहां की मिट्टी और चट्टान भी धरती पर लानी है। 20 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर पर्सीवेरेंस को लेकर स्पेस कैप्सूल इसी सप्ताह की शुरुआत में मंगल ग्रह पहुंचा है। इस मिशन को लॉस एंजिलिस के नजदीक जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) से नियंत्रित किया जा रहा है।

वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि मंगल ग्रह की सतह के नजदीक पहुंचकर कुछ देर के लिए कैप्सूल से सिग्नल मिलने बंद हो गए थे। कुछ देर के लिए जेपीएल में सन्नाटा छा गया। लेकिन वहां बैठे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष विज्ञानियों और अभियंताओं के दल ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने समय न गंवाते हुए हालात को संभालने के प्रयास शुरू किए। चंद मिनटों में पूरा सिस्टम फिर से सुचारु काम करने लगा। कैप्सूल जेपीएल से भेजे जाने वाले संदेशों को ग्रहण करने लगा और उससे सफलतापूर्वक पर्सीवेरेंस निकलकर मंगल ग्रह की सतह पर कार्य करने लगा।



जेपीएल में लैंडिंग टीम के प्रमुख अल चेन के मुताबिक 2.7 अरब डॉलर (करीब 19 हजार करोड़ रुपये) का यह मिशन अपने अंतिम चरण में खतरे में पड़ गया था। कुछ मिनट अगर गंवा दिए जाते तो फिर कुछ नहीं बचता। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सफलता कभी भी सुनिश्चित नहीं होती, और जब वह 20 करोड़ किलोमीटर दूर हो तो वह और ज्यादा अनिश्चित हो जाती है। यह मामला अंतरिक्ष में अभी तक भेजे गए सबसे बड़े, सबसे भारी और सबसे जटिल रोवर को सतह पर उतारने का था। इसलिए यह बहुत मुश्किल कार्य था।

उन्‍होंने बताया, पर्सीवेरेंस अध्ययन करेगा कि मंगल पर कभी जीवन मौजूद था या नहीं। वहां पर मनुष्य के जीने लायक स्थितियां मौजूद हैं या नहीं। वह वहां पर तापमान, पानी और ऑक्सीजन की स्थितियों का अध्ययन करेगा। चेन के मुताबिक पर्सीवेरेंस ये सारे कार्य खुद करेगा। हम धरती से उसकी कोई मदद नहीं करेंगे। यह बैटरी से चलने वाले छोटे आकार के एसयूवी जैसा है। जो अपने साथ काम आने वाले कई उपकरण भी ले गया है। इसके पास पत्थर को काटने वाली आरी और ड्रिल मशीन भी है। यह मंगल ग्रह पर हवा को परखने वाला उपकरण भी ले गया है।

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