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मप्रः सामाजिक समरसता का संदेश लेकर प्रदेश में निकली 4 समरसता यात्राएं

– 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी यात्राएं, प्रधानमंत्री करेंगे मंदिर निर्माण का शिलान्यास

भोपाल (Bhopal)। मप्र के सागर (Sagar ) के बड़तुमा (Badtuma) में 100 करोड़ रुपये (Rs 100 crore cost) की लागत से बनने वाले भव्य संत रविदास के मंदिर निर्माण (Construction of grand Sant Ravidas temple) के लिए मंगलवार को प्रदेश के चार स्थानों से भव्य समरसता यात्राएं (Grand Harmony Tours) निकाली गईं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने श्योपुर, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धार जिले के मांडव, पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने नीमच के नयागांव और प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बालाघाट ध्वज दिखाकर समरसता यात्रा को रवाना किया।

प्रदेश सरकार की इकाई जनअभियान परिषद के संयोजन में 18 दिनों तक चलने वाली यह यात्राएं सामाजिक समरसता का संदेश लेकर प्रदेश के 46 जिलों में पहुंचेंगी। इस दौरान प्रदेश के 244 स्थानों में जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ व राष्ट्रीय नेता, प्रादेशिक नेता एवं संत समाज संबोधित करेंगे। मंदिर निर्माण में प्रदेश के हर व्यक्ति की आस्था जुड़े, इसके लिए हर घर से एक मुट्ठी मिट्टी और जल एकत्रित किया जाएगा। सभी यात्राएं 11 अगस्त तक सागर पहुंचेंगी और 12 अगस्त को सागर में सभी यात्राओं का सामूहिक एकत्रीकरण होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास के भव्य मंदिर का शिलान्यास करेंगे।


संत शिरोमणि रविदास का भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का केन्द्र बनेगा: तोमर
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने श्योपुर से समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के चार स्थानों से आज संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं निकल रही हैं, यह सभी यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी। यात्रा के माध्यम से श्योपुर की धरती की माटी और सीप नदी का पवित्र जल कलश में भरकर ले जाया जा रहा है, जो सागर में 100 करोड़ की लागत में बनने वाले संत रविदास के मंदिर निर्माण में उपयोग होगा।

उन्होंने कहा कि जब कोई मंदिर बनता है तो मंदिर किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि पूरे समाज के लोगों का होता है। मंदिर का संदेश समाज के सभी लोगों के लिए करणीय होता है। मंदिर बनाना है तो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की मिट्टी, विभिन्न नदियों का जल मंदिर में लगे तो मंदिर की पवित्रता व पावनता और अधिक बढ़ जाती है। सागर में बनने वाले संत रविदास जी के मंदिर से पूरे राज्य की लोगों की आस्था जुड़े, इसके लिए समरसता यात्राओं का आयोजन किया गया है। संत शिरोमणी रविदास का यह भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का प्रमुख केन्द्र बनेगा।

भाजपा ने आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाकर संत रविदास के मंत्र को साकार कियाः विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को मांडव के रैदास कुंड से जल कलश भरकर संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि महापुरुषों को अलग-अलग समाजों में बांट दिया गया, लेकिन महापुरुष मानवता और मनुष्यता के लिए जन्म लेते हैं। वे किसी समाज विशेष न होकर सारे समाज के होते हैं। संत रविदास ऐसे ही संत थे, जिन्होंने संपूर्ण मानव समाज के लिए जन्म लिया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सामाजिक समरसता यात्रा निकाली है। यह यात्रा सागर में बनने वाले भव्य संत रविदास मंदिर के निर्माण और रविदास जी के संदेश से समाज को जोड़ेगी।

उन्होंने कहा कि इस देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाने का काम भाजपा ने किया है। संत रविदास भी यही कहते थे कि समाज के अंतिम व्यक्ति का उद्धार हो, उसका विकास हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्णय लिया कि देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी वर्ग की बहन बैठे। उन्होंने संत रविदास के दोहे सुनाते हुए कहा कि संत रविदास कहते थे ‘‘जात पांत के फेर मंहि, उरझि रहइ सब लोग। मानुषता कूं खात हइ, रैदास जात कर रोग’’। संत रविदास जात पात को रोग मानते थे, इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास संत रविदास का मंत्र है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी विकास के माध्यम से हर वर्ग, हर जन तक पहुंचा रहे है। उन्होंने कहा कि नारियों के सम्मान और उत्थान के लिए सबसे अधिक योजना कहीं बनी है तो वह मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान ने बनायी है। यात्रा के दौरान विजयवर्गीय ने जनजाति कलाकारों और आमजन के साथ ढोलक की थाप पर लोकनृत्य किया।

देश और प्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्स्थापना हो रही हैः भूपेन्द्र सिंह

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बालाघाट में संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा को ध्वज दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है वह हमेशा गुलामी के रास्ते पर खड़ा रहता है। भारत में आजादी के बाद सांस्कृतिक पुनर्स्थापना की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से देश की जनआकांक्षाओं को पूरा करते हुए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। वहीं मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रयासों से महाकाल लोक बना। अब सागर में सामाजिक समरसता को एकसूत्र में पिरोने वाले संत रविदास महाराज का 100 करोड़ की लागत से विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व और भाजपा सरकार में मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्स्थापना हो रही है।

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिह आर्य, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष चिंतामणी मालवीय और प्रदेश के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने नीमच जिले के नयागांव से संत रविदास की चरण पादुका और कलश पूजन कर समरसता यात्रा का शुभारंभ किया।

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