– गिरीश्वर मिश्र भारतीय पर्व और उत्सव अक्सर प्रकृति के जीवन क्रम से जुड़े होते हैं। ऋतुओं के आने-जाने के साथ ही वे भी उपस्थित होते रहते हैं। इसलिए भारत का लोकमानस उसके साथ विलक्षण संगति बिठाता चलता है जिसकी झलक गीत, नृत्य और संगीत की लोक-कलाओं और रीति-रिवाजों सबमें दिखती है। साझे की ज़िंदगी […]
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शबरी जयंती: सामाजिक समरसता और नारी भावना के उच्चतम सम्मान का अद्भुत प्रसंग
– रमेश शर्मा भक्त शिरोमणि शबरी वनवासी भील समाज से थीं। फिर भी मातंग ऋषि के गुरु आश्रम की उत्तराधिकारी बनी। रामजी ने उनके जूठे बेर खाये। यह कथा भारतीय समाज की उस आदर्श परंपरा का उदाहरण है कि व्यक्ति को पद, स्थान और सम्मान उसके गुण और योग्यता से मिलता है जन्म या जाति […]
सामाजिक सद्भाव के अग्रदूत हैं संत रविदास
– डॉ. रमेश ठाकुर संत-संस्कृति और सनातन के लिए संत रविदास जयंती खास है, क्योंकि इस दिन ही संयुक्त रूप से दो पर्व एक साथ मनाए जा रहे हैं। पहली माघ पूर्णिमा और दूसरी रविदास जयंती। दोनों पर्व एक-दूसरे पूरक माने जाते हैं। समाज सुधारक संत रविदास के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लोग […]
सामाजिक समरसता का केंद्र बने संत रविदास मंदिर
– लोकेन्द्र सिंह भारत को कमजोर करने के लिए जातीय द्वेष बढ़ाने में अनेक ताकतें सक्रिय हैं। उनके निशाने पर विशेषकर हिन्दू समाज है। वहीं, भारतीय समाज को एकसूत्र में बांधने के प्रयास करने वाली संस्थाएं अंगुली पर गिनी जा सकती हैं। चिंताजनक बात यह है कि भारत विरोधी ताकतों के निशाने पर राष्ट्रीयता को […]
सामाजिक समरसता पर सहज अमल
– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष की ओर अग्रसर है। उसकी यह यात्रा समाजिक समरसता और संगठन पर आधारित है। इसका निरन्तर विस्तार हो रहा है। समाज के चिंतन और व्यवहार में व्यापक बदलाव आ रहा है। राष्ट्र को सर्वोच्च मानते हुए कार्य करने की प्रेरणा संघ से मिल रही है। […]
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, सामाजिक समरसता का व्यवहार हर परिवार में आवश्यक
जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (RSS) डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) ने कहा कि सामाजिक समरसता (social harmony) का व्यवहार हर परिवार में आवश्यक है। पड़ोस, कुटुंब और कार्यस्थल में हमें समानता के आचरण (practice of equality) को स्थापित करना है। हमारे निकट रहने वाले परिवार किसी भी जाति के हों, हमारे आत्मीय […]
सामाजिक समरसता के साथ सामाजिक न्याय मप्र सरकार का संकल्प: शिवराज
– महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने की अनेक घोषणाएं – महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर अब हर साल होगा ऐच्छिक अवकाश – शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल होगी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जीवनी भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) सोमवार को दमोह में पिछड़ा वर्ग […]
रामनवमी पर विशेष: सामाजिक समरसता का समुच्चय है श्रीराम का जीवन
– डॉ. वंदना सेन प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा के पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा श्रीराम […]
संत रविदास: सामाजिक समरसता के आध्यात्मिक उपासक
– डॉ. अशोक कुमार भार्गव सामाजिक समरसता के आध्यात्मिक उपासक संत शिरोमणि रविदास जी का जीवन, संघर्षों और चुनौतियों की महागाथा है। जहां उन्हें जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत पग-पग पर प्रताड़ना, यातना, अपमान, तिरस्कार, उपेक्षा और हेय दृष्टि का व्यवहार अनुभूत हुआ। विभिन्न प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक निर्योग्यताओं से संघर्ष करते हुए […]