भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan in ) के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ कांग्रेस (Congress) द्वारा विधानसभा (Assembly) में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर बृहस्पतिवार को चर्चा जारी रहेगी। विपक्ष के नेता गोविंद सिंह (Leader of the Opposition Govind Singh) ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इस पर दोपहर 12.20 मिनट पर चर्चा शुरू हुई जो देर रात तक चलती रही। गौर करने वाली बात यह कि मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बुधवार को पूरे समय सदन में मौजूद नहीं थे। इससे कांग्रेस बैकफुट पर नजर आई।
कमलनाथ की गैरमौजूदगी पर भाजपा का तंज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने की संभावना है। बुधवार को प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पूरे समय कांग्रेस विधायक और मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं थे। भाजपा ने इसे उछालते हुए कांग्रेस पर जोरदार तंज कसा। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव टांय टांय फिस्स हो गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस देखी गई।
विपक्ष ने उठाए ये मुद्दे
विपक्षी सदस्यों ने सूबे में कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, विपक्षी दलों के विधायकों के खिलाफ भेदभाव, महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार, किसान की बढ़ती समस्याओं और अन्य मुद्दों पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि विपक्ष किसी ठोस मुद्दे के साथ आने में विफल रहा है। भाजपा नेताओं ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
सरकार पर तानाशाही का आरोप
गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाया है। निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति छीनकर और उन्हें अधिकारियों को देकर पंचायती राज की शक्तियों को समाप्त कर दिया है। विधानसभा के सत्र छोटे करने का श्रेय भी मौजूदा सरकार को ही जाता है। शाही खर्च के कारण राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ 3.5 लाख करोड़ से चार लाख करोड़ रुपये हो गया है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार ने नामीबिया से लाए गए चीतों को यहां बाड़ों में छोड़ने पर ही करीब 15 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।
नर्सिंग कॉलेजों में घोटाले का आरोप
गोविंद सिंह ने कहा कि एक तरफ तो सरकार दिखाती है कि वह किसानों की मदद कर रही है और दूसरी तरफ वह डीजल की कीमतों एवं खाद्य पदार्थों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लगाकर किसानों और गरीबों की जेब से अधिक पैसा निकालती है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि ये कॉलेज नियमों को ताक पर रखकर एक-एक कमरे में चलाए जा रहे हैं।
नरोत्तम मिश्रा ने गिनाए सरकार के काम
वहीं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब देते हुए पिछले कांग्रेस शासन के दौरान कुशासन का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले एक साल के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक के इनामी छह नक्सलियों को या तो मार दिया गया या गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य में अच्छी कानून व्यवस्था का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में डकैतों का भाजपा शासन में सफाया कर दिया गया है और सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) नेटवर्क को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 15,000 करोड़ रुपये की 21,000 एकड़ भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराया गया है, जो कांग्रेस शासन के दौरान पनपे थे।
चीन-भारत संघर्ष पर राहुल के बयान का उल्लेख
जब मिश्रा ने चीन-भारत संघर्ष पर राहुल गांधी के विवादित बयान का उल्लेख किया तो कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उनके समुदाय के बारे में दिए जाने वाले बयानों पर सवाल किया। इसका भाजपा सदस्यों ने विरोध किया और सदन में दोनों पक्षों के बीच हंगामा होने लगा। मिश्रा ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ की सदन से अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे प्रस्ताव का जवाब देने की संभावना है। प्रस्ताव के पक्ष में बोलने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जीतू पटवारी और विधायक लक्ष्मण सिंह एवं आरिफ मसूद शामिल रहे।