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आदिवासियों पर अत्याचार में नंबर 1 पर है MP, केंद्र सरकार की सालाना रिपोर्ट में खुलासा

भोपाल। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) की रिपोर्ट शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार के लिए चिंता का कारण बन गई है. केंद्र सरकार (central government) की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रदेश की जनजातीय आबादी पर अत्याचार के मामले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) देश में सबसे आगे है.

इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस एमपी सरकार (mp government) पर निशाना साध रही है. कमलनाथ (Kamal Nath) ने बयान जारी कर सरकार से बीते 18 सालों में आदिवासी वर्ग के हित कल्याण बनाई गई योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के साथ बजट को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. सबसे ज्यादा जनजातीय आबादी वाले मध्य प्रदेश में आदिवासियों की बदहाली को लेकर केंद्र की रिपोर्ट पर सियासत छिड़ गई है.

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की 2020-21 की सालाना रिपोर्ट में देश भर में जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य विधाओं के मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति बदतर बताई गई है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट के बाद प्रदेश का सियासी पारा गरमा गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी सरकार में आदिवासियों को लुभाने के लिए हो रहे आयोजनों पर करोड़ों रुपए लौटाने का आरोप लगाया है. कमलनाथ ने कहा की बीजेपी सरकार में आदिवासी वर्ग पर अत्याचार और उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं और प्रदेश अब देश में टॉप पर है.


18 साल बाद आदिवासी महानायक को की याद में हो रहे आयोजनों पर कमलनाथ ने कहा की रानी कमलापति, बिरसा मुंडा, टंट्या भील, शंकर शाह, रघुनाथ शाह जैसे महान नायकों को बीजेपी याद कर रही है. यह सब बीजेपी का चुनावी एजेंडा है. इससे पहले एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी आदिवासियों पर अत्याचार में प्रदेश के टॉप पर होने का खुलासा हुआ था और अब केंद्र सरकार की रिपोर्ट ने आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और स्वास्थ सुविधाओं की पोल खोल दी है.

कमलनाथ ने किए सवाल
कमलनाथ (Kamal Nath) ने बीजेपी सरकार (BJP government) से पूछा है कि 18 साल के शासन में आदिवासी हित में लिए गए फैसले घोषित योजनाओं को लागू, योजना कुल कितनी राशि, योजनाओं पर खर्च हुई राशि, कुल बजट आवंटित हुआ कितने लोगों को योजनाओं का लाभ मिला, जिस पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

आदिवासी क्षेत्रों में 2067 उप स्वास्थ्य केंद्र 463 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है. यहां डॉक्टर तो हैं ही नहीं. ट्रेंड नर्सों की भी भारी कमी है और यही कारण है कि मोदी सरकार की शिवराज सरकार को लेकर जारी रिपोर्ट को अब कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ बड़ा हथियार बना लिया है.

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