भोपाल। मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी से 2 बार निष्कासित हो चुके प्रीतम लोधी (Pritam Lodhi) फिर घर वापसी करने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें पार्टी में वापस आने के लिए कहा है। प्रीतम ने बताया कि जब लोधी समाज के लीडर पार्टी से निकाले गए हैं तो उनकी घर वापसी हुई है। जब हम जनता की लड़ाई लड़ते हैं तो न किसी का डर रहता है और न ही लालच। जनता मुझे लगातार आशीर्वाद दे रही है, मैं जनता के लिए कुछ भी कर सकता हूं।
वहीं, प्रीतम लोधी ने एक बार फिर बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) से जुड़े कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने शास्त्री को व्यापारी और जादूगर बताते हुए कहा कि वे भीड़ जुटाने का साधन हैं। उनके पास चमत्कार जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि शास्त्री कथा के जरिए व्यापार करते हैं, वे आज तक जिनके यहां कथा करने गए, वे सब बड़े और धनवान लोग रहे हैं। वे किसी गरीब के यहां कथा करने जाएं तो मैं मान जाऊंगा।
लोधी ने कहा, वे उनके यहां जाते हैं जो दस लाख दे, पगड़ी के पचास लाख दे। गरीब के पास पैसे कहा रखे हैं। मैं उन्हें शास्त्री मान जाऊंगा, जब वे किसी गरीब की झोपड़ी में जाकर भागवत कथा कहकर आएं। लोधी से जब पूछा कि क्या धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बीजेपी का प्रचार करेंगे तो उन्होंने कहा कि वे तो पैसे के लिए काम करते हैं, जो पैसे देगा उसके साथ चले जाएंगे, फिर चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस। उन्होंने कहा कि हाल ही में कमलनाथ उनके पास होकर आए हैं। ये तो व्यापारी हैं, जो धंधा देता है उसके साथ जाते हैं।
इसके बाद भी प्रीतम डरे नहीं, बल्कि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ लगातार अपना शक्ति प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने प्रदेश भर में ओबीसी संगठनों के साथ मिलकर बड़ी-बड़ी रैलियां की। अनेक थानों में बगैर इज़ाज़त रैली करने, ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक बोलने को लेकर प्रीतम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने की हिम्मत नहीं की। प्रीतम के बीजेपी से निष्कासन के बाद पूर्व सीएम उमा भारती खुलकर उनके समर्थन में आ गईं और उन्होंने पहले तो संकेतों के जरिए उनके प्रति समर्थन प्रकट किया। लेकिन बाद में वे उनके जलालपुर वाले घर पर ही पहुंच गईं और उन्होंने समर्थन भी दिया और आशीर्वाद भी दिया। यहां उमा भारती ने कहा था कि जब जयंत मलैया के बेटे के निष्कासन के बाद सीएम सहित उनके घर आयोजन में जा सकते हैं तो अगर मैं प्रीतम से मिलने नहीं आती तो यह अन्याय होता।
पार्टी के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोलने के बावजूद सरकार और बीजेपी लोधी के मामले में रक्षात्मक ही रही। बाद में सीएम शिवराज सिंह से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक ने उनसे मुलाकात कर बातचीत की और तीन मार्च को पिछोर में एक सभा आयोजित कर उसमें प्रीतम की बीजेपी में बहाली की बात तय हुई थी। हालांकि, अभी यह आयोजन कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है, क्योंकि उस दिन राष्ट्रपति का भोपाल दौरा तय हो गया है। लेकिन यह जल्द ही होगा। लग रहा था कि अब प्रीतम बागेश्वर धाम के शास्त्री को लेकर खामोश रहेंगे, क्योंकि चर्चा है कि बीजेपी आगामी चुनावों में शास्त्री को हिंदुत्व के चेहरे के रूप में उपयोग करना चाहती है। लेकिन बीजेपी में लौटने से पहले ही उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मोर्चा खोलकर सबको चौंका दिया।
बीजेपी से पिछोर क्षेत्र से एमएलए का चुनाव लड़ चुके उमा भारती के खास माने-जाने वाले ग्वालियर निवासी प्रीतम कुछ महीनों पहले तब चर्चा में आए थे। जब शिवपुरी जिले में रानी अवन्ति बाई की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया उनके भाषण का वीडियो वायरल हुआ। इसमें वे लोगों से कथावाचकों से सावधान रहने के लिए आगाह करते नजर आ रहे थे। इसमें बोले गए शब्द ब्राह्मणों को नागवार गुजरा और उनमे गुस्सा भड़क उठा। इस गुस्से में उबाल तब आ गया, जब कथावाचक शास्त्री ने अपने प्रवचनों में लोधी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें मसल देने तक की बात तक कही। इसके बाद प्रीतम और शास्त्री के बीच जमकर बयान युद्ध हुआ। ब्राह्मणों के विरोध के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें नोटिस दिया तो लोधी ने उनसे मिलकर माफीनामा भी दिया, लेकिन शर्मा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
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