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MP: नकली IAS का शातिर गेम, लग्जरी कार से आकर देते थे फर्जी जॉइनिंग लेटर; लगाई 3 करोड़ से ज्यादा की चपत

आगर मालवा: मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में बेरोजगारों से सरकारी नोकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में सुसनेर पुलिस ने मुख्य आरोपी आरिफ पठान को राजस्थान से गिरफ्तार किया है. अब तक कि पुलिस जांच में सामने आया है कि जयपुर निवासी आरिफ पठान नकली IAS इंद्रराज भारद्वाज बनकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बेरोजगारों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था. पुलिस पूछताछ में ठगी के ओर भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार आरिफ पठान दांत का डॉक्टर होकर जयपुर में अस्पताल का भी संचालन कर रहा है. साथ ही आरिफ और उसके साथियों ने कई लोगों से पैसे लेकर सरकारी नौकरी में लगाया है. बता दें कि आगर मालवा जिले के सुसनेर थाने में 6 अक्टूबर को सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से 3 करोड़ 17 लाख से अधिक की ठगी का मामला दर्ज हुआ था. दर्ज मामले के मुताबिक फर्जी IAS अधिकारी बन 2 आरोपियों ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के दर्जनों बेरोजगारों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.

आगर मालवा जिले के सुसनेर के एक युवा इंजीनियर से पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में नौकरी के नाम पर 15 लाख ऐंठने के बाद जब कई दिनों तक उसकी नोकरी नहीं लगी, तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ था. इसके बाद पीड़ित युवा इंजीनियर ने सुसनेर थाने में मामला दर्ज करवाया था. इसी मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी ने कितने लोगों के साथ कितने रुपयों की ठगी की है, इसको लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.


सुसनेर थाना प्रभारी अनिल मालवीय से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान के जयपुर निवासी आरोपी इन्द्रराज भारद्वाज उर्फ आरिफ पठान और लक्ष्मण प्रसाद शर्मा फर्जी अधिकारी बनकर बेरोजगार युवकों से शासकीय कार्यालयों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करते थे. आरोपियों ने एक इंजीनियर को एमपी पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में इंजीनियर के पद पर पदस्थ करने के लिए झांसा देकर 15 लाख ठग लिए. कई दिनों तक सचिवालय से लेटर जारी नहीं होने का बहाना बनाकर युवक को टालते रहे. जब लंबे समय तक युवक को नौकरी का लेटर नहीं मिला तो उसने जांच की.

पता चला कि इन्द्रराज भारद्वाज बताने वाले व्यक्ति का असली नाम आरिफ पठान है और दूसरा लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, दोनों जयपुर के रहने वाले है. दर्ज रिपोर्ट के अनुसार अपने आप को जयपुर में पदस्थ आईएएस बताने वाले दोनों शातिर ठग लग्जरी गाड़ियों से आकर बेरोजगार युवकों से मिलते और फर्जी अधिकारी बन फर्जी नियुक्ति पत्र भी बांट देते थे. इन ठगों ने राजस्थान में पटवारी बनाने, एसबीआई में क्लर्क बनाने, एमपीपीएससी के द्वारा भी नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से करीब 3 करोड़ से ज्यादा की ठगी की. सुसनेर निवासी एक युवक की रिपोर्ट पर सुसनेर थाने में 2 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

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