विदेश

खालिस्तानी आतंकियों की हो रही रहस्यमयी मौत, डर के कारण विदेशों में छिप रहे आतंकी

नई दिल्‍ली (New Delhi) । हाल के दिनों में टॉप खालिस्तानी आतंकवादियों (khalistani terrorists) की हत्याओं (killing) और संदिग्ध मौतों के बाद अमेरिका (America), ब्रिटेन (Britain), कनाडा (Canada), ऑस्ट्रेलिया (Australia) और पाकिस्तान (Pakistan) में कई खालिस्तानी आतंकवादी छिप गए हैं। छह महीने में चार शीर्ष खालिस्तानी आतंकवादी मारे गए हैं। ये मौतें ऐसे समय में हो रही हैं जब भारत अलगाववादी गतिविधियों में वृद्धि से निपटने की कोशिश कर रहा है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका में रह रहा गुरपतवंत सिंह पन्नू ‘खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह’ अभियान चला रहा है। वह खुद पिछले तीन दिनों से लापता है। केवल पन्नू ही नहीं, कई और खालिस्तानी भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और ग्रीस जैसे देशों में खालिस्तानी संगठनों से जुड़े कई आतंकवादी भी छिपे हुए हैं।


हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से सहमे खालिस्तानी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 18 जून को कनाडा के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या के बाद खालिस्तानियों में आतंक बढ़ गया है। खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में एक गुरद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर (45) भारत में अति वांछित आतंकवादियों में शामिल था जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस हत्या के बाद से खालिस्तानियों में दहशत है।

इसके अलावा, खालिस्तान के एक और प्रमुख आतंकी व अलगाववादी अमृतपाल सिंह के आका अवतार सिंह खांडा की संदिग्ध मौत ने भी डर को और बढ़ा दिया। खांडा को हाल ही में टर्मिनल कैंसर का पता चला था और ब्रिटेन के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई थी। दिलचस्प बात यह है कि खांडा की मौत को लेकर कहा गया कि उसने जहर खा लिया था।

कौन था खांडा?
अवतार सिंह शुरू में अध्ययन वीजा पर वर्ष 2007 में ब्रिटेन गया था, लेकिन उसने 2012 में वहां शरण ले ली और तब से कभी वापस नहीं आया। आरोप हैं कि कुछ महीने पहले लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर लगे तिरंगे पर हमला करने समेत भारत-विरोधी अन्य गतिविधियों से उसके तार जुड़े थे। हालांकि, उसने इन आरोपों का खंडन किया था। उसका परिवार अब भी मोगा जिले के पुराना में रहता है। वह भारतीय जेल में बंद अमृतपाल सिंह के प्रशिक्षकों में से एक था। उसने अमृतपाल को करीब एक महीने तक पुलिस से बचने में मदद की थी। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद अवतार ने ‘वारिस पंजाब दे’ के मामलों के संचालन के लिए विदेशों में स्थित खालिस्तानी तत्वों की एक समिति बनाई थी।

पाकिस्तान में भी मारा गया था खालिस्तानी
मई में, खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की पाकिस्तान के लाहौर में बाइक सवार दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जनवरी में लाहौर के पास एक गुरुद्वारे के परिसर में हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की हत्या कर दी गई थी। हरमीत सिंह नार्को टेरर और खालिस्तानी आतंकियों की ट्रेनिंग में शामिल था। ऐसा लगता है कि छह महीने में चार मौतों की श्रृंखला ने खालिस्तानी आतंकवादियों में भय और आतंक फैला दिया है।

अब पन्नून को सताया डर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में रहने वाला और खालिस्तान रेफरेंडम कैंपेन चलाने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नून पिछले तीन दिनों से लापता है। 18 जून को उसके सहयोगी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पन्नून और निज्जर एक साथ काम करते थे और खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान शुरू करने के लिए अन्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था।

खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर ने 2019 में पन्नून से हाथ मिलाया था। उन्हें कनाडा में जनमत संग्रह 2020 अभियान चलाने का काम सौंपा गया था और वह खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का एक जाना माना चेहरा था। उसने कनाडा के सरे और वैंकूवर में कई प्रदर्शन और कार रैलियां भी कीं। गुरपतवंत सिंह पन्नून आमतौर पर भारत में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं का श्रेय लेता है। अवतार सिंह खांडा की रहस्यमय मौत के अलावा, खालिस्तानी आतंकवादियों की हत्या के बारे में चुप रहा है। निज्जर के मारे जाने के बाद पन्नून ने अपना प्रचार भी बंद कर दिया और उसके बाद से कोई ऑडियो/वीडियो जारी नहीं किया।

खालिस्तानियों की मौत के पीछे भारत
खालिस्तानी समर्थक संगठनों ने दावा किया है कि इन आतंकवादियों की मौत के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है, जिसके चलते पन्नून जैसे आतंकवादी छिपने को मजबूर हुए हैं। कनाडा के विश्व सिख संगठन ने मंगलवार को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियों की भूमिका का आरोप लगाया। इसने कनाडाई खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को “हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की पूरी तरह से जांच करने के लिए कहा, जिसमें विदेशी हस्तक्षेप की भूमिका भी शामिल है, विशेष रूप से भारत की भूमिका की जांच का आह्वान किया।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इकलौता पन्नून ही नहीं, बल्कि यूके, यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान में स्थित कई अन्य खालिस्तानी और आतंकवादी हैं, जो मौतों के बाद छिप गए हैं। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF), इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) सहित विभिन्न खालिस्तानी संगठनों से जुड़े कई आतंकवादी छिपे हुए हैं। खालिस्तानी आतंकवादियों की हालिया मौतों के बाद कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके और ग्रीस सहित देशों में स्थित अलगाववादियों के लिए डर एक सच्चाई बन गई है।

एनआईए ने संभाल रखी है जिम्मेदारी
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अमेरिका और कनाडा में मार्च में भारतीय मिशन पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा किये गये हमलों की जांच अपने हाथों में ली हुई है। इस साल मार्च में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शनों और तोड़फोड़ के प्रयास किए जाने की घटनाओं की जांच भी एनआईए को सौंपी गई थी। NIA ने मार्च में हुए हमलों के सिलसिले में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकियां दर्ज की थीं। उन्होंने बताया कि अमेरिका और कनाडा में हुए हमलों की जांच अब एनआईए को हस्तांतरित कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। नारेबाजी करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने अस्थायी सुरक्षा अवरोधकों को धक्का देकर खोल दिया और वाणिज्य दूतावास परिसर में दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिये। हालांकि, दूतावास कर्मियों ने इन झंडों को हटा दिया।

Share:

Next Post

Chardham Yatra नए रिकॉर्ड की ओर, दो माह में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा 30 लाख के पार

Thu Jun 22 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। तीर्थयात्रियों के उत्साह (Pilgrims enthusiasm) को देखते हुए इस बार भी चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) नए रिकॉर्ड (New Record) की तरफ बढ़ रही है। दो माह के यात्रा काल में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 30 लाख पार (Devotees visiting the figure crossed 30 lakhs) हो गया है। अभी […]