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एन चंद्रशेखरन फिर बने टाटा संस के चेयरमैन, 5 साल के लिए बढ़ाया गया कार्यकाल

नई दिल्ली: एन चंद्रशेखर दोबारा टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन बन गए हैं. दरअसल, टाटा संस के बोर्ड ने शुक्रवार को चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) का कार्यकाल 5 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया. चंद्रशेखरन को साल 2017 में पहली बार टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था. उनका कार्यकाल इसी 20 फरवरी को खत्म हो रहा था.

एन चंद्रशेखरन से संतुष्ट हैं रतन टाटा
कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ”टाटा संस के इस बोर्ड मीटिंग में कंपनी के चेयरमैन एमिरेट्स और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) भी मौजूद थे. रतन टाटा ने एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की प्रगति और प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया. रतन टाटा ने चंद्रशेखरन के कार्यकाल को और पांच साल बढ़ाने के लिए सिफारिश किया. बोर्ड के सदस्यों ने भी एन चंद्रशेखरन के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन कार्यकाल की सराहना करते हुए अगले 5 साल के लिए उनके पुनर्नियुक्ति को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी.”


गौरतलब है कि टाटा ग्रुप देश का सबसे बड़ा बिजनसे घराना है, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां हैं. टीसीएस (TCS), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा स्टील, टाटा केमिकल इस ग्रुप की बड़ी कंपनियां है. टाटा संस के चेयरमैन का पद बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह टाटा ग्रुप की कंपनियों का भी हेड होता है. उनकी बिजनेस ग्रोथ, स्ट्रेटेजी जैसे फैसलों में उसका सबसे बड़ा योगदान होता है.

सायरस मिस्त्री को हटाकर चंद्रशेखरन को बनाया गया था चेयरमैन
एन चंद्रशेखरन को पहली बार तब टाटा संस का चैयरमैन बनाया गया था, जब यह ग्रुप लीडरशिप क्राइसिस से गुजर रहा था. कंपनी ने चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटा दिया था. मिस्त्री ने इसके खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाया था. तब चंद्रशेखर पर ग्रुप को संकट से उबारने के साथ ही टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील जैसी दिग्गज कंपनियों की ग्रोथ बढ़ाने की भी जिम्मेदारी थी.

चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप में 34 साल का अनुभव
चंद्रशेखरन के पहले कार्यकाल में टाटा ग्रुप न सिर्फ सायरस मिस्त्री से जुड़े विवाद से उबरने में सफल रहा बल्कि समूह की कई कंपनियों का प्रदर्शन भी शानदार रहा. चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप में 34 साल का अनुभव है. उन्होंने साल 1988 में आईआईएम-कलकत्ता से एमबीए करने के बाद टाटा स्टील में नौकरी शुरू की थी. 2017 में वह इस ग्रुप का चेयरमैन बनने के समय टीसीएस के प्रमुख थे. खास बात यह है कि वह समूह का चैयरमैन बनने वाल पहले नॉन-फैमिली मेंबर थे.

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