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चुनावी साल में यूट्यूबर बन गए नरेंद्र मोदी, बोले- चैनल सब्सक्राइब करें, बेल आइकन जरूर दबाएं

नई दिल्‍ली (New Delhi) । सोशल मीडिया (social media) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का एक वीडियो तेजी से वायरल (video viral) हो रहा है. वीडियो में प्रधानमंत्री लोगों से खुद के यूट्यूब अकाउंट (youtube account) को सब्सक्राइब करने और बेल आइकन दबाने की अपील कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का यह वीडियो यूट्यूब फैनफेस्ट इंडिया 2023 कार्यक्रम का है.

प्रधानमंत्री के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर कॉमेंट कर रहे हैं. एक यूजर शैलेंद्र त्रिपाठी लिखते हैं- यह सोशल मीडिया की ताकत है, जो 15 साल बाद प्रधानमंत्री को लोगों से यूट्यूब सब्सक्राइब करने के लिए कहना पड़ रहा है.

एक अन्य यूजर्स नीतू खंडेलवाल लिखती हैं- यूट्यूब फेनफेस्ट कार्यक्रम में आम यूट्यूबर की तरह प्रधानमंत्री ने भी लोगों से बेल आइकन दबाने और चैनल को सब्सक्राइब करने की अपील की. प्रधानमंत्री अच्छे से जानते हैं कि देश के युवाओं के साथ कैसे जुड़ना है.

वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों प्रधानमंत्री की अपील पर ऐतराज भी जताया. अभिनेता प्रकाश राज ने एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा कि मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री के चैनल को कैसे सब्सक्राइब करेंगे, वहां तो 150 दिनों से नेटवर्क ही नहीं है.


जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के आधिकारिक एक्स अकाउंट ने लिखा- घनिष्ठ मित्रों का धन, देश का खजाना और अब एडसेंस के पैसे भी… कहां ले जाएंगे मोदी जी? खैर प्रधानमंत्री के चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें मित्रों और बेल आइकन को दबाना ना भूलें.

प्रधानमंत्री ने यूट्यूब फैनफेस्ट 2023 कार्यक्रम में क्या कहा?
2014 के बाद हर साल विश्व के अलग-अलग हिस्सों में यूट्यूब फैनफेस्ट का आयोजन किया जाता है. इस बार दिल्ली में इसका आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 5000 यूट्यूबर शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इसे संबोधित किया.

प्रधानमंत्री ने यूट्यूबरों को संबोधित करते हुए कहा- मैं एक फैलो यूट्यूबर के तौर पर आपके बीच आया हूं. मैं भी आपके जैसा ही हूँ, अलग थोड़े ही हूं. 15 वर्षों से मैं भी एक यूट्यूब चैनल के जरिए देश और दुनिया से कनेक्टेड रहता हूं. मेरे पास भी बहुत सारे सब्सक्राइबर्स हैं और उनका एक डिसेंट नंबर है.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा- मैं सालों से देख रहा हूं कि कैसे यूट्यूब का कंटेंट समाज पर प्रभाव डालता है. उन्होंने यूट्यूबरों से कहा कि अब वक्त आ गया है जब इसे और असरदार बनाया जाए. पीएम मोदी ने स्वच्छता, यूपीआई और लोकल फॉर वोकल मामले को ज्यादा से ज्यादा तरजीह देने की अपील की.

भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने लोगों से अपने चैनल को सब्सक्राइब करने और बेल आइकन बटन दबाने की अपील की.

कांग्रेस बोली- राहुल को देखकर यूट्यूब पर सक्रिय हुए पीएम
यूट्यूब सब्सक्राइब विवाद में कांग्रेस भी कूद गई है. कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- प्रधानमंत्री का यूट्यूब की तरफ मुखरित होकर अपने चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए कहने के पीछे बहुत बड़ा कारण है.

सुप्रिया ने आगे लिखा- लोग यूट्यूब पर राहुल गांधी को ज्यादा पसंद करते हैं और इसके मुकाबले प्रधानमंत्री के यूट्यूब अकाउंट फिसड्डी है. सुप्रिया अपने पोस्ट में न्यूज टेलीविजन के साख पर भी सवाल उठाती हैं. सुप्रिया के मुताबिक न्यूज चैनल के डिबेट से आम जनता अब ऊब चुकी हैं.

सुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के यूट्यूब वीडियो के भी कई पोस्ट शेयर किए, जिसमें दोनों के व्यूज की तुलना की गई थी.

बड़ा सवाल- यूट्यूब पर सक्रिय क्यों हुए प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूट्यूब सब्सक्राइब वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही पूछा जा रहा है कि आखिर पीएम यूट्यूब पर क्यों सक्रिय हो गए हैं? आइए डेटा के सहारे इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं.

1. यूट्यूब सबसे बड़ा ओटीटी प्लेयर है
ओटीटी का मतलब होता है- ओवर द-टॉप मीडिया सेवाएं यानी वैसा मीडिया सर्विस जो कुछ और प्लेटफॉर्म्स की मदद से आपके लिए फोन पर ही तमाम तरह की फिल्में, सीरीज और शो उपलब्ध कराता है. यूट्यूब भी इसी ओटीटी का हिस्सा है.

डेटा एजेंसी कॉमस्कोर के मुताबिक भारत में भारत में यूट्यूब सबसे बड़ा ओटीटी प्लेयर है. एजेंसी के मुताबिक सिर्फ जून 2023 में यूट्यूब को करीब 464 मिलियन लोगों ने देखा. इस महीने यूट्यूब की पहुंच करीब 91 प्रतिशत की रही. यह मेनस्ट्रीम मीडिया के आसपास है.

यूट्यूब के मुकाबले दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म काफी पीछे हैं. जून 2023 में मैक्स प्लैयर्स का व्यूज सिर्फ 119 मिलियन और जियो सिनेमा का 106 मिलियन है.

स्टेटिस्टा के मुताबिक भारत में यूट्यूब के यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. साल 2023 में करीब 573 मिलियन यूजर्स हैं, जो 2028 तक 826 मिलियन तक हो जाएंगे. भारत में 2019 में यूट्यूब के सिर्फ 265 मिलियन यूजर्स थे.

कोरोना काल में यूट्यूब के यूजरों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. 2020 में यूट्यूब के सिर्फ 337 मिलियन यूजर्स थे, जो 2021 में 424 मिलियन और 2022 में 424 मिलियन पर पहुंच गया. यह फासला करीब 90 मिलियन का था.

2. मोबाइल फोन पर ज्यादा समय बीता रहे हैं लोग
यूट्यूब पर प्रधानमंत्री के सक्रिय होने की एक वजह मोबाइल फोन पर लोगों द्वारा दिए जा रहे समय को भी माना जा रहा है. डेटा डॉट एआई ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय लोग औसतन 4.9 घंटे तक मोबाइल पर अपना समय बिताते हैं.

मोबाइल पर समय व्यतीत करने के मामले में भारत विश्व का आंठवा सबसे बड़ा देश बन गया है. डेटा डॉट एआई में इनसाइट्स के प्रमुख लेक्सी सिडो ने कहा कि लोग ज्यादा समय वीडियो स्ट्रीमिंग पर खर्च कर रहे हैं. इसके बाद गेमिंग का नंबर है.

हाल ही में हैप्पीनेज की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 12 साल से अधिक उम्र के 69 फीसदी बच्चों के पास अपने टैबलेट या स्मार्टफोन हैं, जिससे वो इंटरनेट पर बिना किसी रोक-टोक के कुछ भी देख सकते हैं. उनमें से 74 फीसदी बच्चे यूट्यूब की दुनिया में खो जाते हैं.

वहीं, 71 फीसदी बच्चे गेमिंग ज्यादा पसंद करते हैं. युवाओं में यह लत और भी ज्यादा खराब है.

3. यूट्यूब पर राहुल गांधी का बढ़ता ग्राफ
यूट्यूब पर नरेंद्र मोदी का अकाउंट 26 अक्टूबर 2007 को बनाया गया था. नरेंद्र मोदी के अकाउंट पर अभी 17.9 मिलियन सब्सक्राइबर हैं और इस अकाउंट से करीब 21 हजार वीडियो पोस्ट किए गए हैं.

वहीं राहुल गांधी का सोशल मीडिया 10 अगस्त 2017 को बनाया गया था. अकाउंट पर अभी 3.1 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. राहुल के अकाउंट से अभी तक 1600 वीडियो पोस्ट किए गए हैं.

विड आईक्यू यूट्यूब चैनल के डेटा के बारे में जानकारी देता है. इसके मुताबिक पिछले एक महीने में राहुल गांधी के यूट्यूब अकाउंट के वीडियो व्यूज में 8.67% की बढ़ोतरी हुई है. इसके मुकाबले नरेंद्र मोदी के वीडियो व्यूज में 5.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं राहुल गांधी के सब्सक्राइबर संख्या में 6.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, तो नरेंद्र मोदी के सब्सक्राइबर संख्या में पिछले 30 दिनों में 4.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी और उनकी टीम ने यूट्यूब पर ही विशेष फोकस किया. राहुल ने यात्रा के दौरान मेन स्ट्रीम के बजाय सारे इंटरव्यू यूट्यूब चलाने वाले पत्रकारों को ही दिया.

हाल के दिनों में राहुल गांधी अलग-अलग समुदाय के लोगों से मिल रहे हैं. राहुल इसका वीडियो बनाकर यूट्यूब पर शेयर कर रहे हैं, जो काफी पॉपुलर हो रहा है.

भारत में युवा वोटर्स पर एक नजर
भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है. भारत की कुल अनुमानित जनसंख्या 137.63 करोड़ के आसपास है. 2018 में 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या करीब 1.35 करोड़ के आसपास थी.

2014 और 2019 के चुनाव में युवाओं में जमकर भारतीय जनता पार्टी खासकर प्रधानमंत्री मोदी का क्रेज देखा गया था. कोऑपरेटिव कांग्रेसनल इलेक्शन स्टडी के सर्वेक्षण डेटा के मुताबिक युवा वोट करते वक्त अपने करीब के लोगों को ज्यादा तरजीह देते हैं. खासकर अपने उम्र के लोगों का.

25 लाख सोशल योद्धा को तैयार करेगी भारतीय जनता पार्टी
मिशन 2024 में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने 25 लाख सोशल मीडिया योद्धा को तैयार करने की तैयारी की है. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक पार्टी का लक्ष्य इन 25 लाख सोशल मीडिया योद्धाओं के जरिए विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों और उनके नेताओं के खिलाफ देशभर में एक माहौल बनाने का है, ताकि लोकसभा चुनावों में जनता भाजपा के साथ ही खड़ी रहे.

भाजपा की एक कोशिश यह भी है कि विपक्षी दलों के गठबंधन के आंतरिक अंतर्विरोधों को ज्यादा से ज्यादा उभारने के साथ-साथ राहुल गांधी को सेन्टर में रखकर लगातार उन पर निशाना साधा जाए, ताकि जनता की नजर में 2024 का लोक सभा चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी का चुनाव बन जाए.

एजेंसी को सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने ये 25 लाख सोशल मीडिया योद्धा देश के 10 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचकर गांधी परिवार और कांग्रेस की सरकारों के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन में शामिल अन्य दलों को चलाने वाले परिवारों और उनकी सरकारों से जुड़े तथ्यों से वोटरों को खासकर नए वोटरों को अवगत कराएंगे.

भाजपा ने सोशल मीडिया के जरिए विपक्षियों को घेरने के इस अभियान को ‘मिशन शंखनाद’ का नाम दिया है.

वहीं यूट्यूब के इनफ्लुएंसर्स को भी सरकार और भारतीय जनता पार्टी लगातार साधने में जुटी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जून में मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के टॉप-50 यूट्यूबरों से बातचीत की थी. सरकार के कई मंत्रियों ने इसके बाद यूट्यूब पर इंटरव्यू भी दिए थे.

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