फ्लोरिडा । वैज्ञानिक (scientist) क्या नहीं कर सकते यह सोचकर आप भी हैरान रह जाएंगे। अब नासा की वैज्ञानिकों (scientist) ने नई उपलब्धि हासिल (new achievement) की है । वैज्ञानिकों ने चंद्रमा से लाई गई धूल-मिट्टी में पौधे उगाए हैं, जो मानव इतिहास और चांद को लेकर किए जारे तमाम रिसर्च में पहला मील का पत्थर है।
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के खाद्य और कृषि विज्ञान संस्थान के रॉबर्ट फेरल ने कहा कि ‘अपोलो चंद्र रेजोलिथ में उगाए गए पौधे ट्रांसक्रिप्टोम पेश करते हैं, जो चांद को लेकर किए जा रहे तमाम रिसर्च को एक नई पॉजिटिव दिशा दे रहे हैं। इससे साबित होता है कि पौधे चांद की मिट्टी में सफलतापूर्वक अंकुरित और विकसित हो सकते हैं।
रॉबर्ट फेरल और उनके सहयोगियों ने अपोलो 11 के नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन और अन्य मूनवॉकर्स द्वारा लाई गई चंद्रमा की मिट्टी में अरबिडोप्सिस का बीज लगाए थे इसमें सारे बीज अंकुरित हो गए।
For the first time ever, scientists have grown plants in lunar soil.
This @UF and @NASASpaceSci experiment using Apollo Moon samples could shape the future of sustainable astronaut missions to deep space. Dig into the story: https://t.co/ZtUvowKi8e pic.twitter.com/PWGzev7lmN
— NASA (@NASA) May 12, 2022
चांद की मिट्टी को लूनर रेजोलिथ भी कहा जाता है, जो पृथ्वी पर पाई जाने वाली मिट्टी से मौलिक रूप से अलग है। अपोलो 11, 12 और 17 मिशनों के दौरान चांद से मिट्टी लाई गई थी, जिनमें पौधे लगाए गए हैं।
यह संभावना बहुत दूर की कौड़ी नहीं रह गई है। दिलचस्प बात तो यह है कि चीन का यह पहला प्रयास नहीं था कि उसने स्पेस में कुछ उगाने की मंशा और कोशिश की हो। जनवरी 2019 में जब चीन का चांग’ई-4 स्पेस क्राफ्ट चांद की सतह पर पहुंचा था, तब वह अपने साथ कॉटन सीड यानी कपाज के बीज लेकर गया था।
पहली बार चांद पर कोई पौधा उगाया गया है. चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि चैंगे-4 मिशन ने कपास का पौधा उगाने में सफलता हासिल की।