भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

नशे का काला कारोबार खड़ा कर रहे नक्सली

  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मादक पदार्थो की खेती को बढ़ावा

भोपाल। मप्र सहित नक्सल प्रभावित राज्यों में तस्करों ने नशे के कारोबार का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर रखा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन तस्करों ने नक्सलियों का संरक्षण प्राप्त है। मप्र के कई जिलों में लंबे समय से मादक पदार्थो की खेती की जा रही है। अफीम की खेती करने वाले तस्कर पड़ोसी राज्यों से लेकर दूसरे देशों तक डोडा, अफीम और ब्राउन शुगर का काला करोबार कर रहे हैं। इसका खुलासा अभी हाल ही में पकड़ाए तस्करों की जांच-पड़ताल में हुआ है।



गौरतलब है कि पिछले कुछ साल से मप्र तस्करी का हब बन गया है। प्रदेश के रास्ते बड़ी मात्रा में गांजा, डोडा, अफीम और ब्राउन शुगर की तस्करी हो रही है। मप्र पुलिस की सतर्कता से पिछले कुछ सालों के दौरान बड़ी मात्रा में तस्कर से गांजा, डोडा, अफीम और ब्राउन शुगर बरामद किया गया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि नशे के ये सामान ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार से आ रहे हैं।

हर साल अरबों का कारोबार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मप्र के रास्ते तस्कर नक्सलियों द्वारा पैदा किए गए गांजे और अफीम दूसरे राज्यों में पहुंचाते हैं। प्रदेश में हर साल अरबों रुपए का नशे का कारोबार होता है। कई बार पुलिस छापेमारी कर अफीम, डोडा व ब्राउन शुगर जब्त करती है, लेकिन नशे के इस काले कारोबार पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है। अरबों रुपए के इस काले कारोबार से नक्सलियों और आतंकवादियों की फंंडिंग हो रही, जिससे वह हथियार खरीद कर समाज में अशांति और दहशत फैलाते हैं। युवाओं का नशे के दलदल में फंसकर अपना भविष्य चौपट कर लेना इस कारोबार का एक और स्याह व खतरनाक पक्ष है।

जमीन में अफीम की खेती
पुलिस सूत्रों की मानें तो मप्र में ग्वालियर-चंबल के बीहड़ों, बालाघाट और मंडला के जंगलो के साथ ही ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार में नक्सली जंगल की जमीन में अफीम की खेती करवा रहे हैं। वहीं कुछ इलाकों में ग्रामीणों को प्रलोभन देकर व बंदूक की नोक पर डरा-धमका कर अफीम की खेती करने को बाध्य किया जा रहा है। तस्कर इसे दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में भेजते हैं।

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