भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

तेंदूपत्ते पर नक्सली, डकैतों की नजर

  • तेंदूपत्ता ठेकेदार पर वसूली का दबाव बनाने नक्सली लगा रहे आग
  • लेवी वसूलने वन क्षेत्रों में नक्सलियों और डकैतों ने डाला डेरा
  • बालाघाट में नक्सलियों ने पर्चे जारी कर ठेकेदारों को सुनाया फरमान

भोपाल। प्रदेश में हरे सोने यानी तेंदूपत्ता (Tendu leaves) की तुड़ाई शुरू हो गई है। अनुमानत: इस बार सरकार को करीब 15 अरब रूपए का राजस्व प्राप्त होगा। उधर, हरे सोने की चमक को देखते हुए समितियों, ठेकेदारों और व्यापारियों से लेवी वसूलने के लिए नक्सलियों और डकैतों ने भी वन क्षेत्रों में डेरा डाल दिया है। बालाघाट (Balaghat) में वसूली के लिए ठेकेदारों पर दबाव बनाने के लिए नक्सलियों ने मलाजखंड थाना क्षेत्र की पाथरी चौकी अंतर्गत किनारदा के भद्रीटोला के खेतों में सूख रहे तेंदूपत्ता (Tendu leaves) फड़ों में आग लगा दी है। इस आगजनी की घटना में करीब डेढ़ लाख पत्ते जलने का अनुमान जताया जा रहा है। यहां मौके से पुलिस ने नक्सली पर्चे भी बरामद किए हैं। घटना स्थल पर मलाजखंड एरिया कमेटी के नाम के पर्चे मिले हैं। वहीं, वन क्षेत्रों में नक्सलियों और डकैतों की हलचल बढऩे की सूचना मिलते ही पुलिस ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। वन क्षेत्रों में लगातार पुलिस की गस्त हो रही है।
प्रदेश में हर साल तेंदूपत्ते की तुड़ाई शुरू होते ही नक्सली और डकैत सक्रिय हो जाते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार नक्सली और डकैत समितियों, ठेकेदारों और व्यापारियों से हर साल लेवी वसूलते हैं। तेंदूपत्ता (Tendu leaves) से एक माह के अंदर डकैतों और नक्सलियों की इतनी कमाई हो जाती है की वे सालभर उससे अपना खर्चा चलाते हैं। इस साल भी इन्होंने वन क्षेत्रों में डेरा डाल दिया है और ठेकेदारों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

अलर्ट मोड पर पुलिस
नक्सलियों की कोरोना संक्रमण के दौर में सक्रियता को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्रों मे तैनात बल को अलर्ट करते हुए सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है। एसपी अभिषेक तिवारी ने भी इस मामले में पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और शिकायत के बाद नक्सलियों के खिलाफ संबंधित पुलिस चौकी में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

1 से 3 करोड़ तक की वसूली का लक्ष्य
खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, माओवादी संगठनों ने प्रत्येक एरिया कमांडर और सब एरिया कमांडर को 1 करोड़ से लेकर 3 करोड़ तक की वसूली का लक्ष्य दिया गया है। ऑपरेशन से जुड़े अफसरों ने बताया कि फोर्स के दबाव मेंं पिछले काफी समय से बैकफुट पर चल रहे माओवादी आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हंै। वहीं लॉकडाउन के चलते रही-सही कसर पूरी हो गई है। कोरोना वायरस के चलते उनके पास खाने तक का सामान नहीं है। संसाधनों की कमी को देखते हुए ठेकेदारों के जरिए वसूली करने की योजना बनाई है। बता दें कि हर साल फरवरी से लेकर जून तक वसूली के टारगेट को लेकर माओवादी अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं।

6 जिलों में डकैत तो 8 में नक्सली धमक
जानकारी के अनुसार, प्रदेश में तेंदूपत्ता उत्पादक सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, अनुपपुर में नक्सली सक्रिय हैं, वहीं सतना, रीवा, छतरपुर, सीधी, पन्ना, टिकमगढ़ में डकैतों की उपस्थिति देखी जा रही है। सीधी ऐसा जिला है जहां नक्सली और डकैत दोनों सक्रिय हैं। इनके अलावा शिवपुरी, श्योपुर, कटनी, सागर, सोहागपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल, खंडवा, होशंगाबाद, खरगोन, झाबुआ व जबलपुर में भी तेंदूपत्ता बहुतायत में होता है। उपरोक्त सभी जिलों में माफिया सबसे अधिक कमाई करते हैं।

पर्चे में तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी बढ़ाने की मांग
मलाजखंड एरिया कमेटी ने धमकी भरे पर्चे छोड़कर तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी बढ़ाने की मांग पर जोर दिया है। उसमें नक्सलियों द्वारा लिखा गया है कि बाजार में हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं। लेकिन तेंदूपत्ता रेट में एक नए पैसे की वृद्धि नहीं हुई है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए लिखा है कि महाराष्ट्र में 750 रुपए और छत्तीसगढ़ में 450 रुपए प्रति सैकड़ा गड्डी का दिया जाता है। मप्र में तेंदूपत्ता रेट पूछे जाने पर ठेकेदार और मैनेजर द्वारा पुलिस की धमकी दी जाती है।

पर्चे में तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी बढ़ाने की मांग
मलाजखंड एरिया कमेटी ने धमकी भरे पर्चे छोड़कर तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी बढ़ाने की मांग पर जोर दिया है। उसमें नक्सलियों द्वारा लिखा गया है कि बाजार में हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं। लेकिन तेंदूपत्ता रेट में एक नए पैसे की वृद्धि नहीं हुई है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए लिखा है कि महाराष्ट्र में 750 रुपए और छत्तीसगढ़ में 450 रुपए प्रति सैकड़ा गड्डी का दिया जाता है। मप्र में तेंदूपत्ता रेट पूछे जाने पर ठेकेदार और मैनेजर द्वारा पुलिस की धमकी दी जाती है।

पर्चे में ठेकेदारों को फरमान

  • मजदूरों को प्रति सैकड़ा गड्डी 600 रुपए देने की मांग।
  • स्थानीय लोगों को फड़ी चेकर का काम देने की बात पर जोर।
  • हर फड़ पर मुंशी के साथ चपरासी रखने कहा।
  • चेकर को 25 हजार और मुंशी व चपरासी को 20-20 हजार रुपए देने की मांग।
  • तेंदूपत्ता की उल्टाई-पल्टाई 75 रुपए प्रति हजार गड्डी देने पर जोर।
  • फड़ की जगह पर 25 हजार कुंआ, बोर तालाब के लिए देने की बात लिखी है।

इनका कहना है…
मलाजखंड की पाथरी चौकी अंतर्गत किनारदा के भद्रीटोला में नक्सलियों द्वारा खेतों में सूख रहे तेंदूपत्ता फड़ों में आगजनी की गई है। करीब डेढ़ लाख पत्ते जलने की बात कही जा रही है। मौके से कुछ नक्सली पर्चे भी मिले हैं। पुलिस पर्चों की तस्दीक कर रही है। साथ मामले की जांच भी कर रही है।
अभिषेक तिवारी, एसपी बालाघाट

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