उज्जैन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए हाल ही में दिल्ली से आई सर्वे टीम सर्वे कर लौटी है। इससे पहले शहर से लेकर शिप्रा के घाटों तक नगर निगम तत्काल साफ-सफाई करवा रहा था लेकिन अब इसमें लापरवाही होने लगी है। रामघाट पर निर्माल्य और कचरे के ढेर लग गए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पिछले 6 माह से लगातार नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी सुबह से वार्डों का भ्रमण कर रहे थे। निगमायुक्त ने सफाई व्यवस्था बरकरार रखने के लिए हर वार्ड में अधिकारियों को बतौर नोडल अधिकारी बनाकर तैनात कर दिया था। शहर के गली मोहल्लों से लेकर प्रमुख बाजारों में सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा था। स्वच्छता सर्वे के लिए निरीक्षण के लिए आने वाली दिल्ली की टीम के आने से पहले व्यवसायिक क्षेत्रों में भी नगर निगम ने दिन के साथ-साथ रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था शुरु करा दी थी। शहर के प्रत्येक शौचालय और सुविधाघर की रंगाई-पुताई से लेकर साफ-सफाई भी नियमित कराई जा रही थी।
शिप्रा नदी के घाटों पर भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा था। पिछले दिनों गुड़ी पड़वा पर आयोजित नगर के गौरव दिवस और विक्रमोत्सव के कार्यक्रमों को देखते हुए शिप्रा के घाटों पर सफाई के विशेष इंतजाम किए गए थे लेकिन सर्वेक्षण निपटने के बाद तथा सर्वे दल के यहाँ से लौटने के बाद एक बार फिर सफाई व्यवस्था में ढिलाई शुरु हो गई है। रामघाट पर बने कचरा ठीयो में निर्माल्य और कचरा एकत्रित हो गया है। यहाँ के पंडे पुजारियों का कहना है कि कुछ दिनों से घाटों पर नियमित सफाई नहीं हो पा रही है इस कारण कचरे के ढेर लगने लगे हैं। Share: