नई दिल्ली । विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलकर (Renamed) प्राइम मिनिस्टर्स मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) किए जाने पर (On being Done) कांग्रेस नेता (Congress Leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा नेहरूजी की पहचान (Nehruji’s Identity) उनके कर्म हैं (His Deeds), उनका नाम नहीं है (Is Not His Name)।
इससे पहले कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि सरकार चाहे नाम बदल ले, लेकिन नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। दीक्षित ने कहा कि यह नाम इसलिए नहीं बदला गया है कि दूसरे प्रधानमंत्रियों का काम दिखाना चाहते हैं, बल्कि वह नेहरूजी का नाम दबाना चाहते हैं। संदीप दीक्षित ने कहा कि 17 साल में नेहरूजी ने जो काम किया, उसकी व्यापकता बाकी प्रधानमंत्रियों की तुलना में दिखती नहीं है इसलिए यह बहुत ही चालाकी से किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है। खासतौर पर जब बात भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक देश सेवा करने वाले प्रधानमंत्री नेहरू की होती है, तो वे चीजें साफतौर पर नजर आ जाती हैं।
राजधानी दिल्ली में पंडित नेहरू के आधिकारिक आवास रहे 3 मूर्ति भवन परिसर में बने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम अब बदला जा चुका है। इसका आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही नेहरू म्यूजियम में लगे बोर्ड और गेट के साइन बोर्ड पर इस जगह का नाम बदला जा चुका है जिसकी तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। पहले नेहरू मेमोरिलय म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जानी जाने वाली इस जगह को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा । स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दिया गया था।
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