- किसान अपनी जमीन से भी पेड़ नहीं काट सकेंगे
भोपाल। हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा प्लांटेशन (Plantation by Forest Department) के लिए नया नियम बनाया जा रहा है। इस नियम के अंतर्गत अगर किसान अपनी निजी जमीन पर पेड़ लगाता है तो उसे काटने और उसका विक्रय करने के लिए वन विभाग की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा पट्टाधारियों और लकड़ी का व्यापार करने वालों को नए नियम में कई सुविधाएं दी जाएंगी।
मध्य प्रदेश वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक 2021 (Madhya Pradesh Plantation Promotion Bill 2021) के अंतर्गत अगर किसान अपनी निजी भूमि पर पौधारोपण करता है तो उसे काटने के लिए वन विभाग की ट्रांजिट पास टीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसान अगर चाहे तो गोदामों में बिना अनुमति के लकड़ी की टाल संग्रहित कर सकता है। उत्पादक अनुज्ञा प्राप्त करने के पश्चात लकड़ी की टाल पर कास्ट प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित कर सकेगा। निजी भूमि के अलावा सरकार से पट्टा या हस्तांतरण से धारित की गई भूमि पर भी पौधे लगाने वालों को भी नए नियम में बड़ी सहूलियत मिलेगी।
बेचने के लिए अनुमति आवश्यक
अगर किसान अपनी निजी जमीन पर पौधे लगाता है और गोदाम या टाल वन संरक्षित क्षेत्र की परिधि में रहता है तो उसे बेचने के लिए वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। लकड़ी की ऐसी प्रजातियां, जो सरकार द्वारा अधिसूचित की जाए, के अलावा लकड़ी के टाल या गोदाम से कोई भी इमारती लकड़ी या परवर्ती लकड़ी के परिवहन के लिए ट्रांजिट पास की आवश्यकता नहीं होगी।
50 हजार का लगेगा जुर्माना
नए नियमों का अगर कोई किसान, व्यापारी या अन्य लोग उल्लंघन करता है तो उस पर 50 हजार का जुर्माना लगेगा। इस मामले की अपील एसडीएम के यहां की जाएगी। वे अपने स्तर पर पूरे मामले की छानबीन कर आदेश जारी करेंगे।
नगरपालिका क्षेत्रों में नहीं लागू होगा नियम
नगरपालिका क्षेत्रों को छोड़कर संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू होगा। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत जो भी इलाके नगर पालिका क्षेत्र में आते हैं, वह इस दायरे से बाहर हैं, वही अगर शहरी क्षेत्र की कालोनियां भी ग्राम पंचायत, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के अंतर्गत आती हैं तो वहां पर नियम लागू होगा। जल्द ही सभी जिलों के प्रमुख अधिकारियों को यह अध्यादेश लागू किया जाएगा।