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अब चिराग नही, पशुपति पारस होंगे लोकसभा में LJP संसदीय दल के नेता

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में पूरे दिन चले सियासी ड्रामे के बाद अब चिराग पासवान की आधिकारिक रूप से लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल (parliamentary party) के नेता पद से विदाई हो गई है. लोकसभा स्पीकर ने एलजेपी के पांच सांसदों की ओर से की गई मांग को स्वीकार कर लिया है. अब चिराग की जगह उनके चाचा पशुपति पारस लोकसभा (Lok Sabha) में एलजेपी संसदीय दल के नेता होंगे.

पशुपति पारस को एलजेपी के पांच सांसदों ने 13 जून को पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना था. पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता चुनने वालों में चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज शामिल थे. अब लोकसभा सचिवालय ने भी इसपर आधिकारिक मुहर (official seal) लगा दी है. लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.



इससे पहले पूरे दिन सियासी ड्रामा चला. पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने कहा कि सभी की इच्छा थी कि 2014 की तरह पार्टी एनडीए में बनी रहे. लेकिन पार्टी में असामाजिक तत्व आ रहे थे और एलजेपी बिखरती चली गई. उन्होंने कहा कि मुझे चिराग से कोई दिक्कत नहीं है. चिराग अभी भी पार्टी के अध्यक्ष हैं. वे हमारे साथ आना चाहें तो आ सकते हैं.

पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी तोड़ी नहीं है, उसे बचाया है. जब तक जिंदा हूं, एलजेपी को जिंदा रखूंगा. उन्होंने नीतीश कुमार को विकास पुरुष बताया और कहा कि हम एनडीए के साथ रहेंगे. वहीं, चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके घर पहुंचे चिराग 25 मिनट तक हॉर्न बजाते रहे लेकिन उनके घर का दरवाजा नहीं खुला. जब दरवाजा खुला और चिराग अंदर पहुंचे तो पशुपति पारस घर पर नहीं थे.

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