इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अस्पतालों में जगह नहीं, अब होटलों में भर्ती होंगे मरीज

निजी के साथ अब सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करवाने की मारामारी… तेजी से बढ़ रहे हैं मरीज
इंदौर। बढ़ते संक्रमण (Infection) और रोजाना मिल रहे 700 नए कोरोना मरीजों के चलते अब अधिकांश अस्पतालों में जगह ही नहीं बची है। निजी के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करवाने की मारामारी मची है। सबसे ज्यादा परेशानी आईसीयू बेड (ICU Beds)  की आ रही है। हालांकि निजी अस्पतालों में लगातार प्रशासन बेड की संख्या बढ़वा रहा है। वहीं आसपास के होटलों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि वहां पर भी मरीजों को रखकर हॉस्पिटल की टीम ही उनका इलाज कर सके। इस संबंध में आज निजी अस्पताल संचालकों की बैठक भी कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh)  ने बुलाई है।


बीते 15 दिनों से इंदौर में लगातार 500 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। कल यह आंकड़ा 760 मरीजों तक पहुंचा, जो 264 क्षेत्रों से मिले। इंदौर में हालांकि 20 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमण (Corona Infected) दर पहुंच गई है, जो अभी तक की सबसे ज्यादा है। घोषित की तुलना में अघोषित दोगुना से ज्यादा मरीजों का उपचार चल रहा है। 65 निजी और सरकारी अस्पतालों के 70 से 80 प्रतिशत बेड भर चुके हैं और शहर के प्रमुख बड़े निजी अस्पतालों में तो एक बेड भी खाली नहीं बचा और आईसीयू भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, क्योंकि शहर के साथ-साथ आसपास के मरीजों का भी तांता लगा हुआ है। इंडेक्स और सेवाकुंज हॉस्पिटल को भी शुरू किया जा रहा है। इससे डेढ़ हजार बेड की व्यवस्था और हो सकेगी। वहीं बड़े निजी अस्पतालों को प्रशासन यह भी सलाह दे रहा है कि वह अपने आसपास की होटलों (Hotels) के कमरे ले लें, क्योंकि अभी वैसे भी होटल बंद ही हैं, जहां पर कम गंभीर मरीजों को डे-केयर सेंटर के रूप में भर्ती कराया जा सकता है। यहां पर निजी अस्पतालों की मेडिकल टीम ही उनका इलाज भी करेगी। कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) इस संबंध में निजी अस्पताल संचालकों से चर्चा करेंगे। एमआरटीबी, एमवाय, सुपर स्पेशलिटी में भी बेड भरे हैं।


10 हजार से अधिक मरीजों का चल रहा है इलाज
मेडिकल बुलेटिन में तो लगभग 5 हजार उपचाररत मरीज बताए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इससे दोगुना से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। 10 हजार से ज्यादा मरीज उपचाररत हैं। इंदौर के अलावा आसपास के भी मरीज लगातार आ रहे हैं और आधे से अधिक मरीजों का इलाज तो होम आइसोलेशन में ही चल रहा है। दरअसल वर्तमान कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालांकि मृत्यु दर कम ही है, लेकिन मरीज ज्यादा निकल रहे हैं, जिसके चलते शहर के सभी निजी बड़े अस्पतालों में तो जगह ही नहीं बची है और दिनभर मरीजों को भर्ती करवाने की मारामारी जारी रहती है। दो दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों में तो एक भी बेड नहीं बचे हैं और छोटे व सरकारी अस्पतालों में 2 हजार बेड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी उपलब्ध हैं। नए अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए जोड़ा जा रहा है। हालांकि सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में सशुल्क इलाज ही चल रहा है, जबकि गत वर्ष शासन ने बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में भी नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी थी। इस बार अभी सिर्फ अरबिन्दो में ही 150 बेड नि:शुल्क किए, जो कब से भर गए हैं। अब पैसा देने के बाद भी लोगों को बेहतर इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है और बाहरी मरीजों का भी लगातार दबाव इंदौर पर बढ़ता जा रहा है।

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