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उत्तर कोरिया बना साइबर क्राइम का नया अड्डा, NFT में निवेश करने वाले बन रहे शिकार

डेस्क: उत्तर कोरिया का Lazarous ग्रुप साइबर अपराध के लिए बदनाम है. अब यह फिर सुर्खियों में आया है. इसके पीछे वजह है कि ग्रुप ने NFT सेक्टर पर बार-बार फिशिंग अटैक किए हैं. हैकर्स ने करीब 500 फिशिंग डोमेन का इस्तेमाल किया है. इनका इस्तेमाल करके वे उन लोगों को शिकार बना रहे हैं, जो एनएफटी में निवेश करना चाहते हैं. Lazarous ग्रुप को लेकर खुलासा ब्लॉकचैन सिक्योरिटी कंपनी SlowMist ने अपनी रिपोर्ट में किया है.

कई महीने से चल रही धोखाधड़ी
रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि ये साइबर क्राइम के मामले महीनों से जारी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले फिशिंग डोमेन को मई-जून के करीब रजिस्टर किया गया था. NFT या नॉन-फंजिबल टोकन ब्लॉकचैन पर बेस्ड डिजिटल टोकन होते हैं, जो मेटावर्स में भी काम कर सकते हैं.

NFT वैल्युएबल होते हैं और उनकी ब्लॉकचैन बेस्ड क्रिएशन की मदद से इन वर्चुअल एसेट्स का पूरा स्वामित्व खरीदारों को ट्रांसफर हो जाता है और क्रिप्टो वॉलेट्स में मौजूद रहता है. Lazarous ग्रुप फर्जी वेबसाइट्स बनाता है, जो असली एनएफटी प्रोजेक्ट्स के समान दिखते हैं. इनकी मदद से उन्हें फर्जी वेबसाइट्स के झांसे में फंसाया जाता है.


कैसे किया जाता है फ्रॉड?
स्लोमिस्ट के एक आधाकारिक पोस्ट में कहा गया है कि फिशिंग वेबसाइट्स विजिटर के डेटा को रिकॉर्ड करके उन्हें बाहरी वेबसाइट्स को देती हैं. हैकर HTTP GET रिक्वेस्ट के जरिए बाहरी डोमेन को विजिटर की जानकारी रिकॉर्ड करके दे देता है. इसमें कहा गया है कि उनकी जांच में पता चला है कि हैकर अपने फिशिंग अटैक में कई टोकन्स का इस्तेमाल करते हैं, जैसे WETH, USDC, DAI और UNI आदि.

यह साल NFT इंडस्ट्री के लिए मुनाफे वाला नहीं रहा है. इस सेक्टर में कई फ्रॉड के मामले देखने को मिले हैं. बड़ी संख्या में फिशिंग अटैक सामने आ रहे हैं. उदाहरण के लिए, पिछले हफ्ते एंटी-थेफ्ट प्लेटफॉर्म Harpie मे कहा था कि ओपनसी के विजिटर्स पर एक नई तरह का स्कैम का खतरा मंडरा रहा है. इसमें यूजर्स को फिशिंग साइट्स पर ले जाया जाता है.

क्या होता है NFT ?
आपको बता दें कि NFTs यानी की नॉन फंजिबल टोकन (Non-Fungible Tokens) एक तरह का डिजिटल एसेट या डेटा होता है, और इसे ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड किया जाता है. NFT एक तरह का डिजिटल टोकन होता है. इसमें आप इमेज, गेम, वीडियो, ट्वीट किसी को भी NFT में बदलकर मॉनेटाइज कर सकते हैं. इसमें खास यह है कि, इन डिजिटल एसेट को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही खरीदा और बेचा जाता है.

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