उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

मावा, घी ही नहीं बल्कि मसाले भी मिल रहे हैं नकली

  • उन्हेल के बाद जिला प्रशासन उद्योगपुरी की मसाला फेक्ट्रियों में छापे डाले-बड़े स्तर पर हो रही है मिलावट-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़-खाद्य विभाग की मिली भगत

उज्जैन। उज्जैन जिले में लगातार जिला प्रशासन द्वारा नकली खाद्य सामग्री के लिए छापेमारी की जा रही है और उज्जैन जिले के उन्हेल को जिला प्रशासन ने प्रमुख ठिकाना बना दिया है। यहाँ से नकली मावा, नकली घी भारी मात्रा में खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम को मिला भी है। खौफ तो इतना कि नकली मावा प्रशासन के डर से व्यापारी जंगलों में फेंक गए लेकिन उज्जैन जिले में सिर्फ घी और मावा ही नकली नहीं मिल रहा है, खाद्य सामग्री से जुड़ी हर वस्तु में मिलावट है। बात की जाए चावल, हल्दी, मिर्च, धनिया पावडर, दालचीनी, काली मिर्च और भी अन्य तरह की खाद्य सामग्रियों की तो जांच करने पर कहीं ना कहीं इनमें मिलावट मिलेगी या नकली। उज्जैन के उद्योगपुरी क्षेत्र में ही खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने जब छापा मारा था तो भारी मात्रा में नकली हल्दी और मिर्च के पावडर के पैकेट मिले थे। उस जांच का क्या हुआ, क्या कार्रवाई की गई यह आज तक किसी को नहीं पता। उज्जैन खाद्य विभाग के छापामार कुछ कर्मचारियों से जब अग्निबाण ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि अगर जांच करने निकले तो शहर की कई खाद्य सामग्रियां या तो मिलावटी मिलेंगी या फिर नकली।


रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली किन खाद्य सामग्रियों में क्या होती है मिलावटें जानिए अग्निबाण की एक रिपोर्ट

  • मालवा में रोटी और चावल पसंद करने वाले परिवार हैं आपके सामने चावल की कई किस्में मौजूद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जिसे पसंद किया जाता है वो है बासमती चावल। बासमती चावल की मांग पूरे साल बनी रहती है। इसकी एक वजह ये भी है कि यहां घरों में तो ये चावल बनता ही है, इसके साथ-साथ किसी भी तरह का प्रोग्राम हो तो लोग उसमें भी बासमती चावल ही बनाना पसंद करते हैं। इसी का फायदा उठाकर मिलावट खोर अब इसमें मिलावट करने लग गए हैं। आपको बताते हैं कि कैसे आप असली और नकली बासमती चावल में फर्क कर सकते हैं।
  • मिलावटी बासमती चावल का यह मु्द्दा इतना ज्यादा उठ चुका है कि अब इसे लेकर एफएसएसएआई यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है। एफएसएसएआई के मुताबिक, अगस्त 2023 से सभी का इस गाइडलाइन को मानना जरूरी होगा। इसके लिए खास क्वालिटी और स्टैंडर्ड से जुड़े नियम बनाए गए हैं और इन्हीं नियमों के तहत चावल की परख होगी, जो चावल इन मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
  • बासमती चावल का रंग पारदर्शी सफेद होता है। इसके दाने अक्सर सूखे और अलग-अलग होते हैं जो पकाने के बाद नरम हो जाते हैं लेकिन वह चिपकते और टूटते नहीं हैं। धोखे से बचने के लिये पहले चावल के कुछ दानें एक बर्तन में रख लें। इसके बाद चूना यानी लाइम और पानी को मिलाकर एक घोल बनाएं।
  • हल्दी में मेटानिल येलो नामक रसायन की मिलावट की जाती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी का खतरा रहता है। इसे चेक करने के लिए हल्दी पाउडर में कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और कुछ बूंदे पानी की डालकर चेक करें. अगर हल्दी का कलर गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो इसमें मिलावट है। धनिया पावडर-धनिया पावडर में भी काफी मिलावट पाई जाती है।
  • लाल मिर्च-मार्केट में मिलने वाली खुली मिर्च में खूब मिलावट होती है। कई बार मिर्च में लाल रंग, लाल ईंट या कबेलू का बारीक पीस कर भी मिला दिया जाता है। मार्केट में मिलने वाली लाल मिर्च में कलर काफी मिला रहता है। इसे चेक करने के लिए आप मिर्च पाउडर को पानी में डालकर देखें। अगर लाल मिर्च पाउडर पानी में तैरता रहे तो ये शुद्ध है और अगर डूब जाए तो इसमें मिलावट की गई है।
  • धनिया पाउडर-धनिया पाउडर में भी काफी मिलावट पाई जाती है। लोग इसमें कई तरह के खरपतवार को बारीक से पीस कर मिला देते हैं। इसके अलावा आटे की भूसी को भी धनिया में मिला दिया जाता है, अगर धनिया पाउडर से खुशबू नहीं आए तो समझिए कि कुछ मिलावट की गई है।
  • दाल चीनी- कई बार गरम मसाले में दाल चीनी में काफी मिलावट कर दी जाती है। इसमें मिलावट करके पैकेट्स में पैक कर दिया जाता है। इससे ग्राहक को आसानी से गुमराह किया जा सकता है। दालचीनी में अमरूद की छाल की मिलावट की जाती है। इसे परखने के लिए हाथ पर रगड़कर देखें, अगर कुछ कलर नजर आए, तो यह असली है नहीं तो नकली है।
  • काली मिर्च-काली मिर्च में पपीते के बीजों की मिलावट कर दी जाती है। ऐसा करने से इनका वजन ज्यादा हो जाता है और मुनाफाखोर मुनाफा कमाते हैं। इसे चेक करने के लिए आप काली मिर्च को पानी या शराब में डाल दें, अगर काली मिर्च तैरती दिखाई दें, तो नकली हैं और अगर डूब जाए तो असली हैं।
  • उज्जैन जिला प्रशासन और खाद्य विभाग वरिष्ठ अधिकारियों के मार्ग निर्देशन में अगर टीम बनाकर कार्रवाई करे तो कई तरह के नकली खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं के मिलावटी माफियाओं पर शिकंजा कस सकती है।
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