- राज्य शिक्षा केंद्र झाबुआ-अलीराजपुर में तैयार कर रहा है मसौदा
भोपाल। प्रदेश में हिंदी के साथ-साथ अब आदिवासियों की प्रमुख भाषा में भी पढ़ाई की तैयारी है। अब सरकार प्रदेश के दो अधिसूचित जिले झाबुआ और अलीराजपुर के स्कूलों में पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को भीली (भिलाली)भाषा में पढ़ाई कराएगी। स्कूल शिक्षा विभाग इसका मसौदा तैयार कर रहा है।
यह योजना अभी अलीराजपुर और झाबुआ के करीब 1936 स्कूलों में पढ़ाई भीली (मिलाली) भाषा की जाएगी। भीली भाषा में शिक्षा प्रदान किए जाने के संबंध में प्रक्रियागत चर्चा एवं तत्संबंधी शिक्षण सामग्री निर्मित किए जाने के लिए भोपाल में 23 से 25 नवंबर 2022 तक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के भाषा विशेषज्ञों, टीआरआई के प्रतिनिधियों सहित अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले से भीली (भिलाली) भाषा के विशेषज्ञ तथा भाषा पर कार्यरत संस्था प्रथम, एनईजी फायर, रूम टू रीड, समावेश, एकलव्य, एडएट एक्शन, मिशन अंकुर/एफएलएन टीम, पीपल आदि से भी भाषा विशेषज्ञ शामल होंगे।
इसलिए इसका प्रयोग किया जा रहा
अधिकारियों ने बताया कि भील जाति की अपनी भाषा है। पहली और दूसरी क्लास में हिंदी भाषा के शब्द आने से इन बच्चों को पढ़ाना मुश्किल होता है। वे हिंदी भाषा के शब्द जैसे मां और पिता तक समझ नहीं पाते हैं। उनके यहां पिता को बाहको और मां को याहकी कहा जाता है। ऐसे में अगर मां का नाम पूछो तो वे नहीं बता पाते हैं। अगर इसकी जगह कहें कि याहकी कौन है, तो वे बता देते हैं। Share: