नई दिल्ली । सीबीआई (CBI) ने शनिवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के को-लोकेशन घोटाले (Co-Location Scam) के सिलसिले में कई शहरों में (In Many Cities) दस से अधिक स्थानों (More than 10 Locations) पर छापामारी की (Raids), जिसमें वित्तीय संस्थान की पूर्व एमडी और सीईओ (Former MD and CEO) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) और पूर्व ग्रुप संचालन अधिकारी (Former Group Operating Officer) आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramaniam) शामिल थे (Were Involved) । एक सूत्र के मुताबिक, आज सुबह शुरू हुई छापेमारी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, गुरुग्राम, गांधी नगर के अलावा देश के अन्य हिस्सों में जारी है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में अप्रैल में चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि जांच एजेंसी मई 2018 से इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन वह रहस्यमय हिमालय योगी की पहचान करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं जुटा पाई, जिसके साथ रामकृष्ण ने गोपनीय जानकारी साझा की थी। हाल ही में, सेबी ने उन पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, क्योंकि बाजार नियामक ने पाया कि उसने कथित तौर पर योगी के साथ एनएसई के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। सूत्र ने कहा, “संगठनात्मक संरचना, लाभांश परि²श्य, वित्तीय परिणाम, मानव संसाधन नीतियों और संबंधित मुद्दों, नियामक की प्रतिक्रिया आदि के बारे में जानकारी योगी के साथ साझा की गई थी।” 1 अप्रैल 2013 को रामकृष्ण एनएसई के सीईओ और एमडी बने। वह 2013 में सुब्रमण्यम को अपने सलाहकार के रूप में एनएसई में ले आईं।
सुब्रमण्यम को एनएसई का मुख्य रणनीतिक सलाहकार बनाया गया था। उन्होंने पूंजी बाजार में कोई जोखिम नहीं होने के बावजूद 2015 और 2016 के बीच ग्रुन संचालन अधिकारी और एमडी के सलाहकार बनने से पहले 2013 और 2015 के बीच इस पद पर कार्य किया। पहले बामर और लॉरी में मिड-लेवल मैनेजर के रूप में काम करते हुए, उन्होंने देखा कि उनका वेतन 15 लाख रुपये से बढ़कर 1.68 करोड़ रुपये सालाना और फिर 4.21 करोड़ रुपये हो गया। सुब्रमण्यम ने अक्टूबर 2016 में एनएसई और दिसंबर 2016 में रामकृष्ण ने इस्तीफा दे दिया। सीबीआई 2018 में इस मामले में हरकत में आई और तब से वह इस मामले की जांच कर रही है।
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