लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का कार्यकाल एक वर्ष भी नहीं बचा है। जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आती जा रही है, मुख्यमंत्री जी प्रदेश छोड़कर गगनचारी बन गए हैं। कभी हैदराबाद, कभी मुम्बई, कभी पश्चिम बंगाल, कुछ दिन पहले बिहार में थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी दायित्वों के निर्वहन से मुंह मोड़कर दूसरे राज्यों के दौरों की सक्रियता जताती है कि भाजपा से जनता के मोहभंग से मुख्यमंत्री परिचित हो गए हैं। भारतीय लोकतंत्र के साथ इस तरह की स्थिति शायद ही पहले हुई हो जिसमें जबानी जमा खर्च से कार्यव्यापार चलाया गया हो।
अखिलेश यादव ने कहा कि न अपना कोई काम और न ही किसानों के साथ न्याय फिर भी सरकारी दावेदारी कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। सबका साथ और सबका विश्वास पाने के लिए लाठी-गोली, आंसू गैस और पानी की बौछार का तोहफा। लंबे चौड़े वादों से लोगों को बहकाने की साजिशें की जा रही हैं। भाजपा के कुशासन से अन्नदाता बर्बाद है। भाजपा राज में किसानों को राहत के ये नए फार्मूले है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसान की आय दोगुनी करने के झूठे आश्वासन से कृषि कानूनों की आड़ में किसानों की जमीन हड़पने का जो षड्यंत्र है, उसे खेती किसानी करने वाले अच्छे से समझते हैं। किसानों का असंतोष आक्रोश बनकर फूट पड़ा है। भाजपा शासित राज्यों के किसान भी आन्दोलित हैं। किसानों के हित में समाजवादी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने के लिए मंडियों की स्थापना और कृृषि सुरक्षा वाली संरचना के विस्तार पर कदम उठाए थे, भाजपा ने इनको चौपट करने का काम किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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