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ODI World Cup:50 ओवरों का मैच प्रारुप पर सवाल, वनडे के लिए आखिर क्यों जरूरी है यह वर्ल्ड कप?

नई दिल्‍ली (New Dehli) । 5 अक्टूबर से भारत में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 (ICC ODI World Cup 2023)का आगाज होने वाला है। इसके लिए हर कोई काफी ज्यादा उत्साहित (more excited)है। लेकिन क्या वर्ल्ड कप साइकल (bicycle)के बाहर भी फैंस का इस प्रारूप (Format)के लिए इतना ही जोश देखने को मिलता है।


‘जब विश्व कप शुरू होगा, तो यह फिर से बड़ा होगा।’ यह पिछले साल अक्टूबर में एडम जम्पा ने कहा था, जिन्होंने एबीसी स्पोर्ट से एकदिवसीय क्रिकेट की प्रासंगिकता-या इसकी कमी-के बारे में बात की थी। बेशक, जम्पा ने इस बारे में बहुत सारे संदेह व्यक्त किए कि 50 ओवर का प्रारूप वर्तमान में कहां था।

जो भी हो, हम वनडे मैचों के लिए उस ‘बेन हुर’ पल में पहुंच गए हैं, जिसकी जेम्पा ने बात की थी। कम से कम अगले दो महीनों के लिए तो।भारत में हो रहे इस वर्ल्ड कप के लिए हर कोई उत्साहित है। भारत-पाक, इंग्लैंड-न्यूजीलैंड जैसी बड़ी राइवलरी देखने को मिलेगी। शायद ये खेल अपने साथ एक ऐसे प्रारूप के आनंदमय उतार-चढ़ाव लाएंगे जिसने मूल रूप से 1983 में क्रिकेट को अलग स्तर पर पहुंचाया था।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर मेजबान टीम कुछ अच्छी जीत के साथ शुरुआत करती है तो 10 साल से आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने की आस फिर फैंस के मन में उठ जाएगी। हालांकि, यह केवल कुछ ही दिन के लिए है। पावर ब्रोकर्स के लिए, वनडे अब विश्व कप के माहौल के बाहर एक पुराना सिरदर्द है। समय के साथ, बीच के ओवर फैंस को बोरिंग लगने लगे हैं। समय के साथ खेल में बदलाव भी हुए हैं।

एकदिवसीय मैच अब काफी हद तक टी20 के एक विस्तारित मिश्रण के समान हैं। ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने की डिमांड, जबरदस्ती बॉलिंग वेरिएशन मार खाने से बचने के लिए। फील्ड रिस्ट्रिक्शन जिससे कई हद तक कप्तान के हाथ भी बंद जाते हैं। हर विश्व कप में औसत बल्लेबाजी स्ट्राइक रेट 1979 में 54.52 से बढ़कर 2011 में 78.39 हो गया। वहीं 2015 में 88.97 और 2019 में इंग्लैंड में 88.15 था। समय के साथ स्ट्राइक रेट बढ़ता जा रहा है।

टूर्नामेंट 1979 में कुल 2 शतक से लेकर 2015 में 48 मैचों में 38 शतक तक बढ़ गया। 2015 और 2019 विश्व कप के बीच, कोविड से पहले, 350 से अधिक के 53 स्कोर थे, जिसमें 400 से ऊपर के 5 स्कोर शामिल थे। 2019 विश्व कप से लेकर अब तक, महामारी के कारण महीनों बर्बाद होने के बावजूद, 350 से अधिक के 25 स्कोर हुए हैं, जिनमें से 4 400 से ऊपर हैं।

प्रारूप की शांत और समेकन की प्राकृतिक भावना फैंस को अब इतनी पसंद नहीं आती जो टी20 क्रिकेट देखने में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं। टी20 क्रिकेट की वजह से वनडे अब कहीं खो सा गया है। कई शीर्ष क्रिकेटर सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट को छोड़कर और टी20 निर्वाह के लिए खुद को समर्पित कर प्रारूप को छोटा करने के लिए तैयार हैं। वनडे अब विश्व कप साइकल के बाहर लंबे समय तक प्रासंगिक नहीं रह सकता है। टेस्ट पहले से ही एक नवीनता है, तो एकदिवसीय मैच एक दुर्लभता बन सकते हैं। इस वर्ल्ड कप पर एकदिवसीय प्रारूप का भविष्य कई हद तक निर्भर कर सकता है।

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