आज का दिन बुधवार है, धार्मिक मान्यता के अनुसार इस प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Lord Ganesha) की जी की पूजा की जाती है। भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं (Wishes) पूरी करते हैं। भगवान गणेश खुद रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं। वह भक्तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष और दरिद्रता को दूर करते हैं। शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश जी की विशेष पूजा (worship) का दिन बुधवार है। कहा जाता है कि बुधवार को गणेश जी की पूजा और कुछ उपाय करने से समस्याएं दूर होती हैं। शास्त्रों में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिनसे आप भगवान गणेश को जल्दी खुश कर सकते हैं।
गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था। इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है। मोदक (Modak) काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है। यह मुंह में जाते ही घुल जाता है। इसलिए गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय हैं। मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश बहुत जल्दी खुश होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना (desire) पूरी करते हैं।
सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। मान्यता है कि गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। कहते हैं कि इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं।
गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा न रखें। दुर्वा अर्पित करते हुए यह मंत्र बोलें- ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि भगवान दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी। शमी गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में धन और सुख की वृद्धि होती है।
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल (holy rice) अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं होता। उबले हुए धन से तैयार चावल का पूजा में इस्तेमाल न करें। सूखा चावल गणेश जी को न चढ़ाएं। चावल का पहले गीला करें फिर, ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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