इंदौर न्यूज़ (Indore News)

1 अक्टूबर 2018 से निरस्त भूखंड ही हो सकेंगे पुनर्जिवित

  • अतिरिक्त महाअधिवक्ता विधिक राय के कहने के बाद प्राधिकरण ने बुलाए आवेदन, मामला शासन द्वारा वयन नियमों में यह परिवर्तन का

इंदौर। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय (Ministry of Urban Development and Housing Department) ने 9 अप्रैल 2021 को गजट नोटिफिकेशन (Gazette Notification) के जरिए जो प्रबंधन (Management) तथा व्ययन नियम परिवर्तित किए, उनके पालन में इंदौर विकास प्राधिकरण ( Indore Development Authority) ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से विधिक राय लेने के बाद 1 अक्टूबर 2018 या इसके बाद निरस्त हुई लीज संपत्तियों, भूखंड को ही पुनर्जिवित करने का निर्णय लिया है। इसके चलते प्राधिकरण सीईओ (Authority CEO) ने 6 अक्टूबर तक आवेदन बुलवाए हैं। जिन लोगों के भूखंड (Plot) किश्त में भरने या अन्य कारणों से निरस्त हो गए हैं, वे अपने आवेदन प्राधिकरण कार्यालय एकल खिडक़ी पर मय दस्तावेजों के प्रस्तुत कर सकते हैं, जिन पर प्राधिकरण द्वारा नियम अनुसार निर्णय लिए जाएंगे।


इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) द्वारा जहां लीज शर्तों (Notice, Lease) के उल्लंघन के चलते कई भूखडों को नोटिस देकर निरस्त किया गया, तो वहीं कई भूखंडधारक ऐसे हैं, जो समय पर लीज जमा नहीं कर सके और अब चूंकि इन भूखंडों की कीमतें बढ़ गई, लिहाजा बची हुई लीज राशि जमा कर कब्जा लेकर रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं और ऐसे लोग लगातार प्राधिकरण दफ्तर में चक्कर तो काटते ही हैं, वहीं दलालों को चंगुल में भी फंस जाते हैं। अभी पिछले दिनों शासन ने मध्यप्रदेश के सभी प्राधिकरणों की संपत्तियों के प्रबंधन और व्ययन नियम 2018 में कुछ संशोधन किए। इसका गजट नोटिफिकेशन 9 अप्रैल 2021 नगरीय विकास और आवास मंत्रालय ने प्रकाशित भी करवाया। इस संशोधन के बाद बड़ी संख्या में प्राधिकरण के पास निरस्त संपत्तियों के संबंध में आवेदन आ गए। लिहाजा प्राधिकरण ने अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव से विधिक अभिमत इस मामले में मांगा, जो श्री भार्गव ने पिछले दिनों ही लिखित में प्राधिकरण को सौंपा, जिसके चलते अब प्राधिकरण निरस्त भूखंडों को पुर्नजीवित करने की प्रक्रिया को शुरू कर रहा है। प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक अतिरिक्त महाधिवक्ता से मिले विधिक अभिमत से यह स्पष्ट हुआ कि जिनका आवंटन, पट्टा अभिलेख 1 अक्टूबर 2018 या इसके पश्चात निरस्त किया गया है, उन्हीं आवंटितों को इस व्ययन नियम में किए गए संशोधन का लाभ मिल सकेगा। लिहाजा ऐसे सभी आवंटितों को सूचित किया जा रहा है कि वे अपना आवेदन 6 अक्टूबर 2021 तक प्राधिकरण दफ्तर की एकल खिडक़ी पर प्रस्तुत कर दें। इस दिनांक के बाद प्राप्त आवेदनों को विचार योग्य नहीं माना जाएगा और आवेदनों में प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के बाद प्राधिकरण सीईओ खुद इस पर निर्णय लेंगे। कि किन भूखंडों को पुर्नजीवित किया जा सकता है।

सयाजी, चाय-किराना सहित अन्य को नहीं मिलेगा लाभ
शासन ने जो व्ययन नियम में संशोध किया है, इसका मतलब यह नहीं है कि सभी लीज धारकों को उसका लाभ मिल जाए। 1 अक्टूबर 2018 के बाद निरस्त हुए भूखंडों को जहां इसका लाभ मिल सकता है, वहीं सयाजी, चाय-किराना, लोहा मंडी से लेकर अन्य प्रकरणों में की गई लीज निरस्ती के आवेदकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि इन भूखंडों की लाज 2018 से पहले ही प्राधिकरण निरस्त कर चुका है या उसकी प्रक्रिया शुरू हो गई थी। हालांकि इनमें कई प्रकरण कोर्ट में भी चल रहे हैं। लिहाजा वैसे भी प्राधिकरण जब तक कोर्ट आदेश स्पष्ट नहीं होते, तब तक इन विवादित और चर्चित संपत्तियों को संबंध में निर्णय नहीं ले पाएगा, क्योंकि इनमें कई प्रकरण लोकायुक्त जैसी जांच एजेंसियों में भी विचाराधीन है। वहीं प्रेस काम्प्लेक्स को लेकर अवश्य केबिनेट में निर्णय लिया था, लेकिन अन्य संपत्तिधारकों को उसका लाभ नहीं मिल सकता।


संपदा अधिकारी को कलेक्टर ने किया निर्वाचन में अटैच
कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) ने प्राधिकरण को संपदा अधिकारी और सहायक अभियंता बी.एम. गुप्ता पर गाज गिराते हुए उन्हें तुरंत प्रभाव से निर्वाचन में अटैच कर दिया। दरअसल कलेक्टर को शिकायत मिली थी कि गुप्ता द्वारा आवंटितों को परेशान किया जाता है और जबरन के नियम-कायदे बताए जाते हैं। पूर्व में भी इनके खिलाफ शिकायतें मिली। इसके चलते अभी 28 अगस्त को छुट्टी के दिन कलेक्टर ेके निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर और उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतुल्य सिन्हा ने आदेश निकालकर बी.एम. गुप्ता को जिला निर्वाचन कार्यालय में निर्वाचन कार्य के लिए अटैच कर दिया। अब वे कलेक्टोरेट के जिला निर्वाचन कार्यालय कक्ष क्रमांक 216 में बैठेंगे। आदेश में कहा गया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 32 एवं सिविल सेवा वर्गिकरण, नियंत्रण एवं अपील 1966 के तहत आदेश की अव्हेलना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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